कोरोना का असर! भारत में प्रति ग्राहक इंटरनेट डेटा का उपयोग 6 सालों में 43 गुना बढ़ा

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निधि अविनाश । Jun 7 2021 6:17PM

जानकारी के मुताबिक, साल 2020 में प्रति ग्राहक डेटा का इस्तेमाल 20 फीसदी अधिक हुआ है और इसका कारण कोरोना महामारी है क्योंकि रोज स्कूल जाने वाले बच्चे अब घरों में ही पढ़ाई कर रहे है वहीं वर्क फॉर्म होम कल्चर भी काफी हद तक बढ़ गया है।

टीओआई में छपी एक खबर के मुताबिक, भारत में हर एक व्यक्ति का डेटा यूसेज 6 सालों में 43 गुना बढ़ गया है। अगर साल 2014 से इसकी तुलना करे तो डेटा में 96 फीसदी की कमी देखने को मिली है। बता दें कि भारत में प्रति व्यक्ति का डेटा युसेज 3.2GB था लेकिन साल 2020 में इसकी लागत घटकर  केवल 10.9/GB रह गई है। वहीं डेटा का युसेज बढ़ गया है। यूजर्स द्वारा उपयोग किए गए सभी डेटा इंटरनेट पर सर्फिंग के लिए नहीं हैं।जानकारी के मुताबिक, साल 2020 में प्रति ग्राहक डेटा का इस्तेमाल 20 फीसदी अधिक हुआ है और इसका कारण कोरोना महामारी है क्योंकि रोज स्कूल जाने वाले बच्चे अब घरों में ही पढ़ाई कर रहे है वहीं वर्क फॉर्म होम कल्चर भी काफी हद तक बढ़ गया है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, डेटा की लागत पिछले वर्ष के 11.1 रुपये से लगभग 2% घटकर 10.9 रुपये हो गई।

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आपको बता दें कि देश में ग्राहकों के लिए डेटा लागत दुनिया में सबसे सस्ती है। ट्राई के मुताबिक, अमेरिका और यूके में डेटा की कीमत 531 रुपये / जीबी और 286 रुपये / जीबी है। वहीं भारत में 25 सालों में पहली बार न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट कनेक्शन की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली है। सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) के महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एसपी कोचर ने टीओआई को बताया कि, “कोविड ने निश्चित रूप से 2020 में डेटा उपयोग में वृद्धि में योगदान दिया है। 2014 की तुलना में, अब हमारे पास है वॉयस ओवर डेटा। यह, 3 जी और 4 जी एलटीई की तकनीकी प्रगति से सक्षम है, जिसने पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं को सक्षम किया है जो कम कीमत की अनुमति देता है।

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