बैंक ऋण की मांग 14.4 प्रतिशत बढ़कर पांच साल के उच्चस्तर पर

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[email protected] । Nov 11 2018 6:02PM

ब्याज दरों में वृद्धि के बावजूद पांच साल में पहली बार बैंकों की ऋण वृद्धि गत 26 अक्तूबर को समाप्त पखवाड़े में 14.41 प्रतिशत बढ़ी है। रिजर्व बैंक ने यह जानकारी दी।

मुंबई। ब्याज दरों में वृद्धि के बावजूद पांच साल में पहली बार बैंकों की ऋण वृद्धि गत 26 अक्तूबर को समाप्त पखवाड़े में 14.41 प्रतिशत बढ़ी है। रिजर्व बैंक ने यह जानकारी दी। बैंकों की इस ऋण वृद्धि के लिये एनबीएफसी की ओर से बढ़ी कर्ज मांग को प्रमुख वजह बताया जा रहा है। यह ऋण की वृद्धि पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा है। इससे पहले अक्तूबर, 2013 में ऋण वृद्धि दर 16.6 प्रतिशत रही थी। यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जबकि कहा जा रहा है कि संकट ग्रस्त गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की ओर से ऋण की मांग बढ़ रही है। एनबीएफसी नकदी दबाव झेल रहे हैं। एक से नौ नवंबर के दौरान उन्हें 60,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना था।

इस माह के अंत तक उन्हें 90,000 करोड़ रुपये का और भुगतान करना है। केंद्रीय बैंक की ओर से जारी अस्थायी आंकड़ों के अनुसार 26 अक्तूबर तक कुल बैंक कर्ज 14.41 प्रतिशत बढ़कर 93,010 अरब रुपये पर पहुंच गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 81,290 अरब रुपये पर था। आंकड़ों के अनुसार 12 अक्तूबर को समाप्त पखवाड़े में बैंक ऋण 4.45 प्रतिशत बढ़ा था। खबरों के अनुसार एनबीएफसी को मनी मार्केट से लघु अवधि का कर्ज जुटाना मुश्किल हो रहा है और वे अपनी देनदारियों को पूरा करने के लिए बैंकों की ओर देख रहे हैं। 

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