आटो एलपीजी उद्योग की एलपीजी कन्वर्जन किट पर जीएसटी घटाने की मांग
संगठन के महानिदेशक सुयश गुप्ता का कहना है, “ऑटो एलपीजी कन्वर्जन किट को विलासिता की वस्तु नहीं माना जाना चाहिये। इसे जीएसटी के सबसे ऊंचे स्लैब में नहीं रखा जाना चाहिये।
नयी दिल्ली। भारत में ऑटो एलपीजी उद्योग ने वाहनों के लिए एलपीजी कन्वर्जन किट पर जीएसटी दर कम करने की सरकार से मांग की है। उद्योग की मांग है कि किट पर जीएसटी दर को मौजूदा 28% से घटाकर 5% किया जाना चाहिये ताकि अधिक से अधिक वाहन पेट्रोल, डीजल के बजाय पर्यावरण के अनुकूल ईंधन एलपीजी को अपना सकें। भारतीय ऑटो एलपीजी उद्योग के शीर्ष संगठन ‘इंडियन ऑटो एलपीजी कोएलिशन (आईएसी)’की यहां जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि एक प्रभावी और प्रदूषण-मुक्त ईंधन किट को जीएसटी की सबसे ऊंची दर में रखना सरकार के उन प्रयासोँ को ही पीछे ले जाने वाला है, जिसके तहत शहरी इलाकों में वायु प्रदूषण को कम करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
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संगठन के महानिदेशक सुयश गुप्ता का कहना है, “ऑटो एलपीजी कन्वर्जन किट को विलासिता की वस्तु नहीं माना जाना चाहिये। इसे जीएसटी के सबसे ऊंचे स्लैब में नहीं रखा जाना चाहिये। ऐसे समय में जब हमारे शहर वाहनों के प्रदूषण की गम्भीर समस्या से जूझ रहे हैं, तब उपभोक्ताओं को स्वच्छ ईंधन के इस्तेमाल हेतु प्रेरित करने की दिशा में हर सम्भव प्रयास किया जाना चाहिए।’’ विज्ञप्ति में कहा गया है कि डीजल अथवा पेट्रोल की तुलना में ऑटो एलपीजी बेहद मामूली मात्रा में वायु प्रदूषण वाले पर्टिकुलेट मैटर छोड़ती है। डीजल के मुकाबले 96% कम नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओएक्स) और पेट्रोल के मुकाबले 68% कम एनओएक्स इससे निकलता है। एनओएक्स एक ऐसा प्रदूषक है जो शहरी आबादी में सांस सम्बंधी समस्या के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है। ऑटो एलपीजी पेट्रोल के मुकाबले 22% कम कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) छोड़ती है जिसकी तुलना सीएनजी से निकलने वाले सीओ2 से की जा सकती है।
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विज्ञप्ति में कहा गया है कि ऑटो एलपीजी अनेक देशों में महत्वपूर्ण स्थान हासिल कर चुका है। इन देशों में शहरी वातावरण को स्वच्छ बनाने में काफी मदद मिली है। इसके लिए वहाँ के योजनागत उपायों को श्रेय दिया जाना चाहिये। दक्षिण कोरिया इसका बेहतर उदाहरण है। तुर्की में करीब 40% वाहन ऑटो एलपीजी पर चल रहे हैं। यह भी महत्वपूर्ण है कि ऑटो एलपीजी, पेट्रोल की तुलना में 40% सस्ती है। गुप्ता ने बताया कि दक्षिण भारत में सीएनजी के मुकाबले आटो एलपीजी अधिक प्रचलन में है। दिल्ली आसपास के इलाके में इसके 19 फिलिंग स्टेशन है।
. @gailindia's CNG Station in Puri will not only help in protecting the environment in the international tourist spot of Puri, Konark and Chilika, it will also save money for auto-drivers in the region. LPG connectivity has also reached to nearly 75% household in Odisha. pic.twitter.com/p5LJMn8zEU
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) February 28, 2019
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