निजी बैंकों के राष्ट्रीयकरण की मांग उठी लोकसभा में
लोकसभा में आज निजी बैंकों पर जनधन, मुद्रा आदि योजनाओं को लागू नहीं करने का आरोप लगाते हुए सरकार से ऐसी बैंकों को सरकारी कार्यक्रमों को लागू करने का निर्देश देने की मांग उठी।
लोकसभा में आज निजी बैंकों पर जनधन, मुद्रा आदि योजनाओं को लागू नहीं करने का आरोप लगाते हुए सरकार से ऐसी बैंकों को सरकारी कार्यक्रमों को लागू करने का निर्देश देने की अथवा उनका राष्ट्रीयकरण करने की मांग उठी। भाजपा के चिंतामण मालवीय ने शून्यकाल में बैंकों से जुड़ी सरकारी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में निजी बैंक जनधन योजना, मुद्रा योजना और राजभाषा अधिनियम का पालन नहीं कर रहे हैं और इन बैंकों में पूरी तरह अंग्रेजी में काम होता है।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ये बैंक सूदखोरों का संगठित उपक्रम बन गये हैं।’’ मालवीय ने सरकार से मांग की कि समस्त निजी बैंकों को जनता के हित में सरकारी योजनाओं को पूरी तरह लागू करने का निर्देश दिया जाए अथवा इन बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया जाए।
केरल से माकपा सदस्य एम बी राजेश ने स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर के भारतीय स्टेट बैंक में विलय के सरकार के फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे केरल की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। उन्होंने विलय की प्रक्रिया पारदर्शी और उचित नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि केरल विधानसभा इसके विरुद्ध सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर चुकी है और सरकार को इसका तथा केरल की जनता की भावना का ध्यान रखते हुए इस फैसले को वापस लेना चाहिए।
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