सरकार से की गई मोबाइल कंपनियों पर लगाम कसने की मांग
राज्यसभा में आज समाजवादी पार्टी के एक सदस्य ने मोबाइल कंपनियों पर जनता को लूटने का आरोप लगाते हुए सरकार से इन पर लगाम कसने की मांग की।
राज्यसभा में आज समाजवादी पार्टी के एक सदस्य ने मोबाइल कंपनियों पर जनता को लूटने का आरोप लगाते हुए सरकार से इन पर लगाम कसने की मांग की। सपा के नरेश अग्रवाल ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि मोबाइल कंपनियां मनमानी कर रही हैं और सरकार ने अपनी आंखें बंद कर रखी हैं। उन्होंने कहा कि कैग की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मोबाइल कंपनियों ने सरकार के 12 हजार करोड़ रूपये दबा रखे हैं।
अग्रवाल ने कहा कि संचार से जुड़े प्रमुख मुद्दों में रोमिंग, इसकी स्पीड और कॉल ड्रॉप शामिल हैं। उन्होंने कहा कि देश में इन दिनों 4 जीबी होने के बावजूद हम रोमिंग स्पीड के मामले में विश्व में 114वें नंबर पर हैं। उन्होंने सवाल किया ‘‘सरकार को बताना चाहिए कि आखिर 4 जीबी की स्पीड क्या है। यह वास्तव में पैकेज का खेल है जिसमें उपभोक्ता को कहा जाता है कि 28 दिन के पैकेज में यह सुविधाएं हैं। पैकेज खत्म होने के बाद उनसे उसका नवीनीकरण करने के लिए कह दिया जाता है। यह केवल लूट का तरीका है।’’
अग्रवाल ने कहा कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने दो साल पहले रोमिंग को शुल्कमुक्त करने का आदेश दिया था। केवल बीएसएनएल ने ही इस आदेश का अनुसरण किया और किसी भी कंपनी ने इस आदेश का पालन नहीं किया। उन्होंने कहा कि ट्राई ने कॉल ड्रॉप पर मोबाइल कंपनियों को जुर्माना भरने का आदेश दिया था लेकिन उच्चतम न्यायालय ने कहा कि कोई जुर्माना वसूली नहीं की जाएगी। न्यायालय के इस आदेश की समीक्षा की जानी चाहिए। अग्रवाल ने आरोप लगाया कि मोबाइल कंपनियां आम जनता को लूट रही हैं और इन पर लगाम कसी जानी चाहिए। विभिन्न दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया।
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