उपभोक्ता इलेक्ट्रानिक उत्पादों को मुक्त व्यापार समझौते से बाहर रखने की मांग

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[email protected] । Nov 19 2018 12:52PM

उपभोक्ता इलेक्ट्रोनिक और दूसरे जरूरी सामानों को मुक्त व्यापार समझौतों के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिये। घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिये ऐसा किया जाना चाहिये।

नयी दिल्ली। उपभोक्ता इलेक्ट्रोनिक और दूसरे जरूरी सामानों को मुक्त व्यापार समझौतों के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिये। घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने के लिये ऐसा किया जाना चाहिये। एक रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया है। इस क्षेत्र ने सरकार से कहा है कि वह प्रस्तावित क्षेत्रीय वृहद आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) समझौते में इस क्षेत्र के उत्पादों पर आयात शुल्क में न तो कटौती करे और न ही उसे समाप्त करे। पीडब्ल्यूसी और सीईएएमए की एक रिपोर्ट में सरकार से कहा गया है कि उसे उपभोक्ता इलेक्ट्रानिक्स और उपकरणों को भविष्य में होने वाले मुक्त व्यापार समझौतों और विशेषतौर से आरसीईपी के दायरे से बाहर रखना चाहिये।

भारत ने सिंगापुर, थाइलैंड और आसियान देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते किये हैं। मुक्त व्यापार समझौते में समझौता करने वाले देश दूसरे देश से आयात होने वाले सामान पर आयात शुल्क को करीब-करीब पूरी तरह समाप्त किया जाता है। इन सामानों में इलेक्ट्रानिक सामान भी शामिल होता है। कंज्यूमर इलेक्ट्रानिक्स मैन्यु्फैक्चरर्स एसोसियेसन (सीईएएमए) के मुताबिक उपभोक्ता इलेक्ट्रानिक्स और उपकरण क्षेत्र की चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में वृद्धि दर पिछले वर्ष के बराबर ही रही है। रूपये की विनिमय दर घटने और अन्य कारणों से क्षेत्र की वृद्धि नहीं बढ़ पाई है।

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