विकसित अर्थव्यवस्थाएं 2024 तक पटरी पर लौटेंगी, विकासशील ‘मुकाम’ से पीछे रहेंगी : गोपीनाथ

Gita Gopinath
ANI Twitter.

उन्होंने कहा, ‘‘हमें वैश्विक वृद्धि दर में गंभीर गिरावट का सामना करना पड़ रहा है और दुनिया को लगातार विपरीत हालात से जूझना पड़ रहा है, क्योंकि जीवन-यापन का संकट हमारे सामने है। ईंधन और भोजन समेत जिंसों की कीमतें दुनियाभर में बढ़ रही हैं।’’

 दावोस| अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की प्रथम उप-प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने बुधवार को कहा कि विकसित अर्थव्यवस्थाएं 2024 तक पटरी पर लौट आएंगी, लेकिन विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को जिस मुकाम पर होना चाहिए उससे वे पांच प्रतिशत पीछे रहेंगी। दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं कोरोना वायरस महामारी के कारण बुरी तरह प्रभावित हुईं और अब पुनरुद्धार के मार्ग पर धीरे-धीरे लौट रही हैं।

विश्व आर्थिक मंच की सालाना बैठक-2022 में ‘वैश्विक वृद्धि के लिए अगले कदम’ विषय पर आयोजित विशेष सत्र में गोपीनाथ ने कहा कि वैश्विक पुनरुद्धार को यूक्रेन में युद्ध के कारण बड़ा झटका लगा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें वैश्विक वृद्धि दर में गंभीर गिरावट का सामना करना पड़ रहा है और दुनिया को लगातार विपरीत हालात से जूझना पड़ रहा है, क्योंकि जीवन-यापन का संकट हमारे सामने है। ईंधन और भोजन समेत जिंसों की कीमतें दुनियाभर में बढ़ रही हैं।’’

उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक उच्च मुद्रास्फीति की समस्या से निपटने का प्रयास कर रहे हैं और इसके लिए उन्हें ब्याज दरों में तेज वृद्धि करना पड़ रही है लेकिन इसका भी वैश्विक वित्त और व्यापार पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। गोपीनाथ ने कहा कि दुनियाभर में पुनरुद्धार भी विविध प्रकार का रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे अनुमान के मुताबिक विकसित अर्थव्यवस्थाएं 2024 में वहीं पहुंच जाएंगी जहां उन्हें महामारी नहीं होने की स्थिति में होना था, लेकिन उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को जिस मुकाम पर होना था उससे वे पांच प्रतिशत पीछे रहेंगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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