पूर्वोत्तर में 1.34 लाख करोड़ रुपये की ढांचागत परियोजनाओं पर चल रहा कामः सीतारमण

Nirmal Sitharaman

सीतारमण ने कहा, ‘‘सरकार गंगा पर राष्ट्रीय जलमार्ग-एक, ब्रह्मपुत्र पर राष्ट्रीय जलमार्ग-दो और बराक पर राष्ट्रीय जलमार्ग-16 को और भी विकसित कर रही है। पिछले सात-आठ वर्षों में हमने बेहतर संपर्क सुविधा देने की कोशिश की है।’’

गुवाहाटी, 29 मई केंद्र सरकार पूर्वोत्तर में 1.34 लाख करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई रेल, सड़क एवं हवाई संपर्क परियोजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को यह जानकारी दी।

सीतारमण ने यहां ‘‘विकास और परस्पर निर्भरता में स्वाभाविक सहयोगी’ विषय पर एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र में कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास पर भारी निवेश कर रही है। सीतारमण ने कहा, ‘‘हम 2,011 किलोमीटर लंबी और 74,000 करोड़ रुपये की लागत वाली 20 रेलवे परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं।’’

उन्होंने बताया कि इसके अलावा केंद्र सरकार क्षेत्र में कुल 58,000 करोड़ रुपये की लागत से 4,000 किलोमीटर लंबी सड़कों का विकास कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में करीब 2,200 करोड़ रुपये की 15 हवाई संपर्क परियोजनाओं पर भी काम चल रहा है। हालांकि वित्त मंत्री ने यह नहीं बताया कि ये परियोजनाएं कब तक पूरी होंगी।

सीतारमण ने कहा कि गंगा, ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों पर राष्ट्रीय जलमार्ग विकसित करने के लिए काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत और बांग्लादेश में 50 नदी प्रणालियां हैं जिनका इस्तेमाल सभी प्रकार के परिवहन उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है क्योंकि जलमार्ग से यात्रा की लागत हवाई, सड़क और रेल नेटवर्क की तुलना में सबसे कम है।

सीतारमण ने कहा, ‘‘सरकार गंगा पर राष्ट्रीय जलमार्ग-एक, ब्रह्मपुत्र पर राष्ट्रीय जलमार्ग-दो और बराक पर राष्ट्रीय जलमार्ग-16 को और भी विकसित कर रही है। पिछले सात-आठ वर्षों में हमने बेहतर संपर्क सुविधा देने की कोशिश की है।’’ उन्होंने कहा कि असम में ब्रह्मपुत्र नदी के आसपास सदिया और धुबरी के बीच के पूरे क्षेत्र को विकसित किया जा रहा है ताकि बेहतर संपर्क सुविधा दी जा सके।

उन्होंने कहा, ‘‘हम गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र पर एक बहु-साधन केंद्र बना रहे हैं। इसमें पांडु में एक जहाज मरम्मत बंदरगाह, चार पर्यटक घाट और 11 तैरते हुए टर्मिनल शामिल हैं।’’

उन्होंने कहा कि पूर्वी जलमार्ग संपर्क परिवहन ग्रिड पूरा हो जाने के बाद यह न केवल पूर्वोत्तर और बाकी भारत के बीच बल्कि उप-महाद्वीप में भी निर्बाध संपर्क सुविधा दे पाएगा। इसमें 5,000 किलोमीटर लंबे जलमार्ग की पेशकश की जाएगी।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र में बिजली पारेषण एवं वितरण, मोबाइल नेटवर्क, 4जी और ब्रॉडबैंड संपर्क पर ध्यान केंद्रित करते हुए कई परियोजनाएं विकसित कर रही है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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