सरकार के ईंधन के दामों में कटौती के कदम से खुदरा विस्तार योजना पर असर नहीं

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[email protected] । Oct 18 2018 5:37PM

सरकार के ईंधन की कीमतों में कटौती का कुछ बोझ सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों पर डालने से रिलायंस इंडस्ट्रीज की खुदरा ईंधन विस्तार योजना प्रभावित नहीं होगी। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।

मुंबई। सरकार के ईंधन की कीमतों में कटौती का कुछ बोझ सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों पर डालने से रिलायंस इंडस्ट्रीज की खुदरा ईंधन विस्तार योजना प्रभावित नहीं होगी। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह बात कही। अधिकारी ने इस बात का भी खंडन किया कि कंपनी ईंधन रिटेलिंग पर धीमी गति से आगे बढ़ रही है। 

ईंधन कीमतों को नियमन मुक्त विशेष रूप से सितंबर, 2014 को डीजल के दामों को नियमन मुक्त करने के समय रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने बंद पेट्रोल पंपों को फिर खोलना शुरू किया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास 5,000 पेट्रोल पंपों के लिए लाइसेंस है। कंपनी चरणबद्ध तरीके से पेट्रोल पंप फिर खोल रही है और उसने अभी तक 512 पेट्रोल पंप खोले हैं। यह उसकी प्रतिद्वंद्वी नायरा एनर्जी (पुराना नाम एस्सार आयल जो अभी 3,500 पेट्रोल पंपों का परिचालन कर रही है) और शेल से काफी कम है। रिलायंस को अपने खुदरा कारोबार को इसलिए बंद करना पड़ा था क्योंकि लागत से कम मूल्य पर ईंधन बेचने से उसे नुकसान हो रहा था। 2011 से वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने से यह स्थिति बनी थी। 

कंपनी के संयुक्त समूह मुख्य वित्त अधिकारी वी श्रीकान्त ने बुधवार शाम को संवाददाताओं से कहा, ‘समग्र रूप से देखा जाए तो दबाव वाली मूल्य कटौती से हमारी खुदरा विस्तार योजना पर असर नहीं होगा। मुझे नहीं लगता है कि इसकी वजह से हम अपनी रणनीति में बदलाव करेंगे।’’ 

हालांकि श्रीकान्त ने स्वीकार किया कि कंपनी को प्रतिस्पर्धा दबाव की वजह से अपने खुदरा दाम घटाने पड़ेंगे। उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले दिनों पेट्रोल डीजल पर उत्पाद शुल्क में डेढ़ रुपये प्रति लीटर की कटौती करने के साथ सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को भी एक रुपये प्रति लीटर की मूल्य कटौती का बोझ उठाने को कहा है। सरकार की इस घोषणा के बाद भाजपा शासित कई राज्यों ने ईंधन पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में कटौती की है। 

श्रीकान्त ने कहा कि पेट्रोलियम खुदरा कारोबार पर रिलायंस की निर्भरता काफी कम है। कंपनी के छह करोड़ टन के रिफाइनिंग उत्पादन में से मात्र पांच प्रतिशत की खपत घरेलू बाहार में होती है। यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी अपनी खुदरा विस्तार योजना पर धीमी गति से आगे बढ़ेगी, उन्होंने कहा कि यह धारणा उसकी कुछ प्रतिद्वंद्वी कंपनियों को लेकर बनाई जा रही होगी, लेकिन जहां तक रिलायंस इंडस्ट्रीज का सवाल है वह योजना के अनुसार ही खुदरा विस्तार योजना पर आगे बढ़ रही है। 

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