प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रगति की वजह से रोजगार को खतरे से जल्द निपटने की जरूरत

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[email protected] । Mar 15 2019 6:01PM

उन्होंने कहा कि श्रम मंत्रालय के अनुमान के अनुसार इस तरह हर साल ऐसी बढ़ती आबादी एक करोड़ लोगों की होगी। उन्होंने कहा दुनिया की जनसंख्या पर संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार काम करने योग्य आबादी (15 से 64 वर्ष) 2050 तक बढ़ेगी।

नयी दिल्ली। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कान्त ने कहा है कि प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हो रही प्रगति की वजह से रोजगार को जो खतरा पैदा हुआ है उससे जल्द निपटने की जरूरत है, अन्यथा इसका देश की भावी पीढ़ी पर काफी बुरा असर पड़ सकता है। कान्त ने अमित कपूर के साथ चिराग यादव की पुस्तक ‘द एज आफ एवेकनिंग: द स्टोरी आफ इंडियन इकनॉमी सिंस इंडिपेंडेंस’ के परिशिष्ट में लिखा है कि भारत की आधी से ज्यादा आबादी 25 साल से कम की और हर साल श्रमबल में युवा आबादी बढ़ रही है।

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उन्होंने कहा कि श्रम मंत्रालय के अनुमान के अनुसार इस तरह हर साल ऐसी बढ़ती आबादी एक करोड़ लोगों की होगी। उन्होंने कहा दुनिया की जनसंख्या पर संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार काम करने योग्य आबादी (15 से 64 वर्ष) 2050 तक बढ़ेगी।

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उन्होंने लिखा है कि यदि इस वर्ग की आबादी को पर्याप्त रोजगार के अवसर सुलभ नहीं होंगे तो भारत अपने जनांकिक लाभ एक विरले अवसर को गंवा देगा। अमिताभ कान्त ने कहा कि यदि रोजगार पर खतरे को जल्द दूर नहीं किया गया तो इसका भावी पीढ़ी पर काफी बुरा प्रभाव होगा। इस पुस्तक में आजादी के बाद की भारत की आर्थिक कहानी का वर्णन है। 

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