पूर्वी राज्यों को मानव विकास सूचकांक में बेहतर प्रदर्शन की जरूरत: कांत
नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा कि पूर्वी राज्यों ने कारोबार सुगमता के मामले में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है और मानव विकास सूचकांक में भी ऐसा प्रदर्शन दोहराने की जरूरत है।
नयी दिल्ली। नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा कि पूर्वी राज्यों ने कारोबार सुगमता के मामले में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है और मानव विकास सूचकांक में भी ऐसा प्रदर्शन दोहराने की जरूरत है। कांत का यह बयान जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में पिछड़े जिलों के संदर्भ में उनकी टिप्पणी को लेकर विवाद के बीच आया है। उन्होंने यहां एक बयान में कहा कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में पिछड़ा जिला कार्यक्रम को लेकर अपने संबोधन में उन्होंने कहा था कि पूर्वी राज्यों ने कारोबार सुगमता के मामले में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है और हमें मानव विकास सूचकांक में भी इसे दोहराने की जरूरत है।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक कल जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में अब्दुल गफ्फार खान स्मारक व्याख्यान के दौरान अमिताभ कांत ने कहा था कि खासकर सामाजिक सूचकांकों के मामले में बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों के कारण भारत पिछड़ा बना हुआ है। कांग्रेस ने भारत के पिछड़ेपन के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश को जिम्मेदार ठहराने संबंधी बयान देने के लिए नीति आयोग के सीईओ को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि बेहतर होता, यदि वह इन पिछड़े राज्यों के विकास का खाका सामने रखते।
कांत ने कहा, ‘देश के कई राज्य मानव विकास संकेतकों के आधार पर पिछड़े हैं। इसका कारण विरासत में मिले मुद्दे हैं। सरकार के पिछड़ा जिला कार्यक्रम का मकसद शिक्षा, स्वास्थ्य तथा पोषण पर ध्यान देकर इसमें सुधार लाना है।’ कांत ने कहा, ‘हम 49 संकेतकों के आधार पर 115 जिलों में हो रही प्रगति पर गौर कर रहे हैं। कार्यक्रम का जोर देश का मानव विकास सूचकांक में सुधार लाना, नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार लाना तथा समावेशी वृद्धि सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का क्रियान्वयन राज्यों की पूर्ण भागीदारी के साथ सहयोगपूर्ण संघवाद की भावना के आधार पर क्रियान्वित किया जा रहा है।
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