आर्थिक वृद्धि तेज करने और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए प्रतिस्पर्धा महत्वपूर्ण

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[email protected] । Mar 1 2019 3:33PM

उन्होंने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा यहां आयोजित एक व्याख्यान में कहा, ‘‘नवोन्मेष आज की अर्थव्यवस्था में काफी महत्वपूर्ण है। यदि यह सदी भारत का होना है तो नवोन्मेष पर हमें जोर देना होगा।

नयी दिल्ली। मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के.वी.सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को कहा कि देश में नवोन्मेष को बढ़ावा देने, आर्थिक वृद्धि तेज करने और रोजगार के अवसर सृजित करने के लिये प्रभावी प्रतिस्पर्धा महत्वपूर्ण है। उन्होंने ऐसे उपाय करने की भी वकालत की जिससे ऋण भुगतान में चूक करने वाली कंपनियों को दिशानिर्देशों के दायरे में लाया जा सके और ये कंपनियां बाजार के अनुकूल व्यवहार का अनुपालन कर सकें। उन्होंने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा यहां आयोजित एक व्याख्यान में कहा, ‘‘नवोन्मेष आज की अर्थव्यवस्था में काफी महत्वपूर्ण है। यदि यह सदी भारत का होना है तो नवोन्मेष पर हमें जोर देना होगा।

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इस कारण नवोन्मेष के संदर्भ में प्रतिस्पर्धा नीति वास्तव में महत्वपूर्ण हो जाती है।’’ सुब्रमण्यम ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिये उत्पाद बाजारों तथा श्रम एवं पूंजी समेत उत्पादन में मदद करने वाले अन्य बाजारों में प्रभावी प्रतिस्पर्धा महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इससे अधिक रोजगार सृजित होंगे, उद्यमिता को प्रोत्साहन मिलेगा और आर्थिक वृद्धि तेज होगी। उन्होंने कहा, ‘‘नीतियां इस तरीके की होनी चाहिये कि वे नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिये प्रतिस्पर्धा को समर्थन दें।’’

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सुब्रमण्यम ने कहा कि पूर्ण प्रतिस्पर्धी बाजार में नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिये कोई प्रोत्साहन नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई प्रोत्साहन तब भी नहीं है जब प्रतिस्पर्धा का स्तर निम्न है। सुब्रमण्यम ने दिवाला एवं ऋणशोान अक्षमता संहिता का उदाहरण देते हुए बाजार के अनुकूल व्यवहार को प्रोत्साहित करने के लिये निरोधक उपाय को महत्वपूर्ण बताया।

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