प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद का शहरी बेरोजगारों के लिए रोजगार गारंटी योजना का सुझाव

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आर्थिक सलाहकार परिषद ने अपनी सिफारिश में कहा, ‘‘सबसे जरूरी.....सरकार को सामाजिक सेवा क्षेत्र में खर्च के लिए उच्च आवंटन करना चाहिए ताकि सबसे कमजोर आबादी को अचानक किसी झटके के निपटने के लिए जुझारू बनाया जा सके और उन्हें गरीबी में जाने से रोका जा सके।’’

नयी दिल्ली, 18 मई प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) ने सरकार को शहरी बेरोजगारों के लिए रोजगार गारंटी योजना लाने का सुझाव दिया है।

परिषद ने देश में आय में असमानता को कम करने के लिए एक समान (यूनिवर्सल) बुनियादी आय योजना पेश करने के साथ सामाजिक क्षेत्र के लिए अधिक धन आवंटित करना की भी सिफारिश की है। ईएसी-पीएम की रिपोर्ट ‘भारत में असमानता की स्थिति’ को ‘प्रतिस्पर्धा संस्थान’ द्वारा तैयार किया गया है।

इसे ईएसी-पीएम के चेयरमैन विवेक देवरॉय ने रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में श्रमबल की भागीदारी दर के बीच के अंतर को देखते हुए ‘मनरेगा’ जैसी योजनाओं को शहरों में पेश किया जाना चाहिए ताकि अधिक ज्यादा से ज्यादा लोगों को फिर से काम दिया जा सके।’’ रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि न्यूनतम आय बढ़ाना और समान बुनियादी आय शुरू करना कुछ ऐसी सिफारिशें हैं, जो श्रम क्षेत्र में आय के अंतर को कम कर सकती हैं और आय का समान वितरण कर सकती है।

आर्थिक सलाहकार परिषद ने अपनी सिफारिश में कहा, ‘‘सबसे जरूरी.....सरकार को सामाजिक सेवा क्षेत्र में खर्च के लिए उच्च आवंटन करना चाहिए ताकि सबसे कमजोर आबादी को अचानक किसी झटके के निपटने के लिए जुझारू बनाया जा सके और उन्हें गरीबी में जाने से रोका जा सके।’’

ईएसी-पीएम के अनुसार, यह रिपोर्ट स्वास्थ्य, शिक्षा, घरेलू विशेषताओं और श्रम बाजार के क्षेत्रों में असमानताओं पर एकत्र जानकारी के आधार पर तैयार की गई है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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