International trade के लिए खुला है यूरोप, भारत के साथ एफटीए के लिए पूरी कोशिश: शॉल्त्स
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक 2023 में यहां बुधवार शाम एक विशेष संबोधन में चांसलर ने कहा, हमने कनाडा, कोरिया, जापान, न्यूजीलैंड और चिली के साथ मुक्त व्यापार समझौतों पर सफलतापूर्वक बातचीत की है।
दावोस। जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने कहा कि यूरोप अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए खुला है और वह भारत तथा कुछ दूसरे देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। गौरतलब है कि यूरोपीय संघ ने पिछले साल भारत के साथ एक एफटीए के लिए फिर से बातचीत शुरू की है। इसके अलावा दोनों पक्षों के बीच एक निवेश संरक्षण समझौते और भौगोलिक संकेतों (जीआई) पर एक समझौते के लिए अलग से बातचीत चल रही है। यूरोपीय संघ के भीतर जर्मनी भारत के सबसे बड़े व्यापार भागीदारों में एक है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक 2023 में यहां बुधवार शाम एक विशेष संबोधन में चांसलर ने कहा, हमने कनाडा, कोरिया, जापान, न्यूजीलैंड और चिली के साथ मुक्त व्यापार समझौतों पर सफलतापूर्वक बातचीत की है।
मैं यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहा हूं कि जल्द ही इसमें नए देश शामिल हों - भारत, इंडोनेशिया और कुछ दक्षिण अमेरिकी देश। उन्होंने कहा, हम अमेरिका के साथ औद्योगिक क्षेत्र के लिए एक टैरिफ समझौते पर चर्चा करने के लिए भी तैयार हैं। यूरोपीय संघ भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वर्ष 2021 में कुल भारतीय व्यापार में इसकी लगभग 11 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। दूसरी ओर भारत यूरोपीय संघ का 10वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। शॉल्त्स ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील अर्थव्यवस्था बनाने की ओर बदलाव इस सदी का सबसे महत्वपूर्ण काम है और रूसी युद्ध के कारण यह प्रक्रिया तेज हुई है।
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उन्होंने कहा कि युद्ध शुरू होन के कुछ महीनों के भीतर ही जर्मनी ने रूसी गैस, तेल और कोयले पर अपनी निर्भरता को खत्म कर दिया। उन्होंने कहा, खासतौर से सर्दियों को देखते हुए ऊर्जा की कमी की शुरुआती आशंका निराधार साबित हुई और हमने एशिया, अफ्रीका और अमेरिका के साथ नई साझेदारी की है, जिससे हमारी निर्भरता कम हुई है। आधुनिक आप्रवासन कानून के बारे में शॉल्त्स ने कहा, अगर हम एक अग्रणी औद्योगिक राष्ट्र के रूप में प्रतिस्पर्धी बने रहना चाहते हैं, तो हमें अनुभवी चिकित्सकों, योग्य इंजीनियरों और व्यापारियों की जरूरत है। चांसलर ने कहा कि जो लोग मेहनत करने के लिए तैयार हैं, उनका जर्मनी में स्वागत है।
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