हर साल घट रही है 30 हजार हेक्टेयर खेती योग्य भूमि

[email protected] । May 6 2016 5:49PM

सरकार ने आज कहा कि देश में खेती योग्य भूमि में हर साल औसतन 30 हजार हेक्टेयर की कमी हो रही है लेकिन यह स्थिति चिंताजनक नहीं है।

सरकार ने आज कहा कि देश में खेती योग्य भूमि में हर साल औसतन 30 हजार हेक्टेयर की कमी हो रही है लेकिन यह स्थिति चिंताजनक नहीं है। कृषि राज्य मंत्री संजीव बालियान ने विभिन्न पूरक सवालों के जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि खेती योग्य भूमि में इस मामूली गिरावट के बाद भी कुल उत्पादकता प्रभावित नहीं हुयी है। उन्होंने कहा कि भू-उपयोग सांख्यिकी की रिपोर्ट के अनुसार देश में खेती योग्य भूमि 2010.11 में 18.201 करोड़ हेक्टेयर से मामूली सा घटकर 2011.12 में 18.196 करोड़ हेक्टेयर हो गयी है। 2012.13 में यह 18.195 करोड़ हेक्टेयर हो गयी।

बालियान ने स्वीकार किया कि भारत में कृषि के लिए सबसे बड़ी समस्या सिंचाई की है और सिर्फ 45 प्रतिशत भूमि ही सिंचित है। सरकार ने इस समस्या को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री सिंचाई योजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही भारत में खाद, बीज आदि की भी समस्या है। उन्होंने कहा कि अधिकतर स्थानों पर एक ही फसल ली जाती है। इन समस्याओं को दूर करने के लिए हरित क्रांति की शुरूआत की है। बालियान ने कहा कि कुल 2.6 करोड़ हेक्टेयर भूमि ऐसी है जिसे खेती योग्य बनाया जा सकता है। इजराइल के तमाम चुनौतियों के बाद भी कृषि क्षेत्र में काफी प्रगति करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में निवेश के मामले में भारत उस देश से काफी पीछे है। इजराइल में सिंचाई के लिए पानी के अधिकतम उपयोग पर जोर दिए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि तमिलनाडु, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे कई राज्यों ने अपने यहां इस क्षेत्र में काफी अच्छा काम किया है।

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