निर्यात में अगस्त महीने में तीन माह की सर्वाधिक वृद्धि

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[email protected] । Sep 15 2018 12:07PM

पेट्रालियम उत्पादों, इंजीनियरिंग, औषधि तथा रत्न एवं आभूषण जैसे क्षेत्रों के अच्छे आंकड़ों की बदौलत देश का निर्यात अगस्त में तीन महीने के सबसे अच्छे प्रदर्शन के साथ 27.84 अरब डालर पर पहुंच गया।

नयी दिल्ली। पेट्रालियम उत्पादों, इंजीनियरिंग, औषधि तथा रत्न एवं आभूषण जैसे क्षेत्रों के अच्छे आंकड़ों की बदौलत देश का निर्यात अगस्त में तीन महीने के सबसे अच्छे प्रदर्शन के साथ 27.84 अरब डालर पर पहुंच गया। कच्चे तेल के आयात में वृद्धि के कारण आयात भी अगस्त महीने में 25.41 प्रतिशत बढ़कर 45.24 अरब डालर पहुंच गया। अगस्त में निर्यात में 19.21 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो तीन महीने का उच्च स्तर है। इससे पहले, मई में निर्यात में इससे अच्छी 20.18 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

वाणिज्य मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़े के अनुसार आलोच्य महीने में व्यापार घाटा 17.4 अरब डालर रहो जो पिछले साल इसी महीने में 12.72 अरब डालर था। जुलाई महीने में व्यापार घाटा पांच साल के उच्च स्तर 18.02 अरब डालर पर पहुंच गया था। पेट्रोलियम उत्पादों, इंजीनियरिंग, औषधि तथा रत्न एवं आभूषण का निर्यात अगस्त महीने में क्रमश: 43.25 प्रतिशत, 31.81 प्रतिशत, 28.52 प्रतिशत तथा 34.76 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

अगस्त महीने में तेल आयात 51.62 प्रतिशत बढ़कर 11.83 अरब डालर जबकि गैर-तेल आयात 18.17 प्रतिशत बढ़कर 33.41 अरब डालर रहा। सोने का आयात अगस्त महीने में 92.62 प्रतिशत बढ़कर 3.64 अरब डालर रहा। ऐसा लगता है कि रुपये की विनिमय दर में लगातार गिरावट से निर्यात को मदद मिल रही है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अगस्त के दौरान निर्यात 16.13 प्रतिशत बढ़कर 136.09 अरब डालर रहा जबकि आयात इस दौरान 17.34 प्रतिशत बढ़कर 216.43 अरब डालर रहा।

वित्त वर्ष 2018-19 के पहले पांच महीने में व्यापार घाटा 80.35 अरब डालर रहा जो पिछले साल इसी महीने में 67.27 अरब डालर था। आलोच्य अवधि में तेल आयात 53.35 प्रतिशत बढ़कर 58.81 अरब डालर तथा गैर-तेल आयात 7.84 प्रतिशत बढ़कर 157.62 अरब डालर रहा। इस बारे में भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) ने कहा कि नकदी की कमी के कारण कुछ छोटे एवं सूक्ष्म उद्योग के क्षेत्र अब भी दबाव में हैं। इस कारण बैंक तथा वित्तीय संस्थानों ने कर्ज देने के नियमों को कड़ा किया है। निर्यात के लिये इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) की वापसी अब भी चुनौती है।

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