IGI एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर अब बायोमेट्रिक सिस्टम से होगी एंट्री

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[email protected] । Sep 6 2019 11:04AM

दिल्ली विमानपत्तन ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह छह सितंबर से टर्मिनल 3 पर विस्तारा एयरलाइन के घरेलू यात्रियों के लिए बायोमेट्रिक ‘चेहरा पहचान प्रवेश प्रणाली’ की तीन महीने के परीक्षण के आधार पर शुरूआत करेगा। दिल्ली अंतरराष्ट्रीय विमानपत्तन लिमिटेड (डायल) ने कहा कि इस तकनीक से यात्रियों के हवाईअड्डे में प्रवेश, सुरक्षा जांच और विमान में चढ़ने समेत सभी जांच बिंदुओं पर चेहरे के मिलान पर आधारित प्रणाली से यात्रियों के प्रवेश की प्रक्रिया स्वत: ही हो जाएगी।

नयी दिल्ली। दिल्ली विमानपत्तन ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह छह सितंबर से टर्मिनल 3 पर विस्तारा एयरलाइन के घरेलू यात्रियों के लिए बायोमेट्रिक ‘चेहरा पहचान प्रवेश प्रणाली’ की तीन महीने के परीक्षण के आधार पर शुरूआत करेगा। दिल्ली अंतरराष्ट्रीय विमानपत्तन लिमिटेड (डायल) ने कहा कि इस तकनीक से यात्रियों के हवाईअड्डे में प्रवेश, सुरक्षा जांच और विमान में चढ़ने समेत सभी जांच बिंदुओं पर चेहरे के मिलान पर आधारित प्रणाली से यात्रियों के प्रवेश की प्रक्रिया स्वत: ही हो जाएगी।

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डायल ने कहा कि सफल परीक्षण के बाद टर्मिनल 3 पर इस प्रणाली की औपचारिक शुरूआत कर दी जाएगी और उसके बाद इसे दिल्ली हवाईअड्डे के अन्य टर्मिनलों पर लागू किया जाएगा। उसने कहा, ‘‘वैध यात्रा टिकटों और सरकारी पहचान पत्र के साथ यात्रियों के पंजीकरण की प्रक्रिया रजिस्ट्रेशन कियॉस्क पर शुरू होगी। इसके बाद एक कैमरा चेहरे की तस्वीर लेगा। फिर कियॉस्क पर मौजूद केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) का अधिकारी यात्रियों के दस्तावेजों की जांच करेगा।

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डायल के मुताबिक, ‘‘अधिकारी यात्री के पहचान पत्र की देखकर जांच करेगा और प्रणाली से इसकी पुष्टि करेगा। इसके बाद यात्री निर्धारित प्रस्थान ई-गेट की ओर जाएगा जहां चेहरे का मिलान करने वाले कैमरे होंगे।’’ चेहरा मिलान के बाद ई-गेट स्वत: खुल जाएंगे। इसके बाद यात्री सामान जमा के काउंटर पर जा सकते हैं। यदि उनके पास कोई बैग नहीं है तो वे सीधे सुरक्षा जांच की ओर जा सकते हैं जहां चेहरा पहचान के लिए कैमरे होंगे।

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डायल के अनुसार यात्री जब सुरक्षा जांच की औपचारिकताओं को पूरी कर लेगा तो वह निर्धारित ई-गेट के माध्यम से अपने विमान में सवार होगा। ये गेट भी स्वत: खुलेंगे। डायल ने बताया कि यात्री की उड़ान के प्रस्थान के बाद उसके डेटा को हटा दिया जाएगा। बयान के अनुसार हवाईअड्डे पर यात्रियों के डेटा को स्टोर नहीं किया जाएगा। डायल प्रवक्ता ने कहा कि इस परीक्षण में शामिल होने का फैसला यात्रियों की स्वेच्छा और विवेक पर निर्भर होगा। यात्रियों से एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कराये जाएंगे। तीन महीने तक परीक्षण चलने के बाद आगे की योजना बनाई जाएगी।

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