किसानों की NCF की सिफारिशों के क्रियान्वयन की मांग न्यायोचित: स्वामीनाथन

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[email protected] । Aug 9 2018 8:56AM

अखिल भारतीय किसान सभा के नौ अगस्त के प्रदर्शन को अपना समर्थन देते हुए कृषि विशेषज्ञ एमएस स्वामीनाथन ने कहा कि उनकी राष्ट्रीय किसान आयोग (एनसीएफ) की सिफारिशों को लागू करने की मांग न्यायसंगत है।

नई दिल्ली। अखिल भारतीय किसान सभा के नौ अगस्त के प्रदर्शन को अपना समर्थन देते हुए कृषि विशेषज्ञ एमएस स्वामीनाथन ने कहा कि उनकी राष्ट्रीय किसान आयोग (एनसीएफ) की सिफारिशों को लागू करने की मांग न्यायसंगत है। अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) को लिखे गए एक परिपत्र में स्वामीनाथन ने कहा है कि एनसीएफ की सिफारिशों को लागू करने की मांग के संदर्भ में किसानों का आंदोलन "न्यायोचित" है।

देश भर में किसान/किसान आंदोलन सिर्फ एनसीएफ की सिफारिशों के कार्यान्वयन की मांग कर रहा है। यह सही समय है कि एनसीएफ की सिफारिशों के वास्तविक कार्यान्वयन को सुनिश्चित किया जाए, जिसमें तीन घटकों को प्राथमिकता दी जा सके। एआईकेएस को भेजे गये अपने नोट में एनसीएफ के अध्यक्ष, स्वामीनाथन ने कहा कि सबसे पहले, सी2 + 50 प्रतिशत के सूत्र पर आधारित न्यूनतम समर्थन मूल्य या एमएसपी हो। दूसरा, एक अनुकूल खरीद नीति हो जो यह सुनिश्चित करे कि किसान को वास्तव में एमएसपी मिले और तीसरा खाद्य सुरक्षा कानून के प्रभावी कार्यान्वयन के जरिये जन उपभोग बढ़े।

माकपा के किसान संगठन, एआईकेएस ने नौ अगस्त को "कृषि संकट" पर कार्रवाई की मांग करते हुए पूरे देश में 'जेल भरो' का आह्वान किया है। एआईकेएस के नेताओं ने दावा किया कि उनके किसान संगठन द्वारा 'भारत छोड़ो दिवस' के दिन किये गये इस आह्वान को समाज के विभिन्न वर्गों से व्यापक समर्थन प्राप्त हो रहा है। एआईकेएस के महासचिव हनान मुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, "पूरे देश में केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ किसान आंदोलन बढ़ रहा है। हमें देश भर में 20 लाख से अधिक किसानों के इस आंदोलन और जेल-भरो आंदोलन में भाग लेने की उम्मीद है और स्वामीनाथन ने आज हमारे आंदोलन का समर्थन किया है।’’

माकपा के मजदूर संगठन सीआईटीयू (सीटू) ने भी आंदोलन को अपना समर्थन दिया है और कहा है कि उसके हजारों सदस्य एकजुटता दिखाने के लिए देश भर के सभी जिलों में किसानों के संघर्ष में शामिल होंगे। सीटू के महासचिव तपन सेन ने कहा, "जो लोग खेतों और कारखानों में काम करते हैं और देश के लिए धन पैदा कर रहे हैं, वे इस सरकार को ठीक करेंगे जो केवल निगमित कंपनियों और देश के समृद्ध लोगों के लिए काम कर रही है।"

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