रीयल एस्टेट कारोबारी से मिली वित्तमंत्री, समस्याओं को दूर करने का दिया आश्वासन

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[email protected] । Aug 12 2019 3:26PM

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को रीयल एस्टेट क्षेत्र के प्रतिनिधियों तथा घर खरीदारों से मुलाकात की। प्रतिनिधियों ने बैठक में नकदी संकट, मांग में कमी तथा रुकी परियोजनाओं को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की। सरकार ने कहा कि वह जल्दी ही रीयल एस्टेट क्षेत्र की वृद्धि में आड़े आ रही समस्याओं का समाधान करने की दिशा में कदम उठायेगी। सीतारमण ने पहली मुलाकात क्षेत्र के दो शीर्ष संगठनों क्रेडाई और नारेडको के पदाधिकारियों के साथ की।

नयी दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को रीयल एस्टेट क्षेत्र के प्रतिनिधियों तथा घर खरीदारों से मुलाकात की। प्रतिनिधियों ने बैठक में नकदी संकट, मांग में कमी तथा रुकी परियोजनाओं को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की। सरकार ने कहा कि वह जल्दी ही रीयल एस्टेट क्षेत्र की वृद्धि में आड़े आ रही समस्याओं का समाधान करने की दिशा में कदम उठायेगी। सीतारमण ने पहली मुलाकात क्षेत्र के दो शीर्ष संगठनों क्रेडाई और नारेडको के पदाधिकारियों के साथ की। दूसरी मुलाकात घर खरीदारों के प्रतिनिधियों से की। इसमें उन्होंने रीयल एस्टेट क्षेत्र को प्रभावित कर रही दिक्कतों तथा समाधान पर चर्चा की।

बैठक में आवासीय एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर तथा आर्थिक मामलों, राजस्व, आवास, सीबीडीटी, कॉरपोरेट मामलों तथा रेरा के शीर्ष अधिकारी भी शामिल रहे। बैठक के बाद पुरी ने मीडिया से कहा, ‘‘रीयल एस्टेट उद्योग के साथ बैठक में सार्थक चर्चा हुई। हमने कई मुद्दों पर बातचीत की, कई मामलों को स्पष्ट किया। सरकार इन मुद्दों का आने वाले दिनों में समाधान निकालेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘घर खरीदारों, रुकी परियोजनाओं आदि की जो भी समस्याएं हैं, हम इनका समाधान निकालने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। कई घर खरीदारों ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है और कुछ मामलों में निर्णय भी आये हैं। इस कारण यह बेहद जटिल है। क्षेत्र में जो भी समस्याएं हैं, हम उनका समाधान निकालेंगे।’’

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वित्त मंत्रालय ने भी दोनों बैठकों की जानकारी देने को ट्वीट किया। इससे पहले वित्त मंत्रालय ने पिछले सप्ताह वित्तीय बाजार के प्रतिनिधियों, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों तथा उद्योग मंडलों के साथ बैठक की थी। फोरम फोर पीपुल्स कलेक्टिव एफर्ट्स के अध्यक्ष अभय उपाध्याय ने कहा कि परियोजनाओं में देरी से देश भर में पांच लाख से अधिक उपभोक्ता प्रभावित हैं। उन्होंने इन परियोजनाओं को पूरा करने तथा घर खरीदारों को राहत देने के लिये 10 हजार करोड़ रुपये का एक कोष बनाने की मांग की। जेपी समूह के घर खरीदारों ने वित्त मंत्री को बताया कि प्रवर्तकों के पास इतनी सारी जमीनें तथा यमुना एक्सप्रेसवे परियोजना जैसी अन्य संपत्तियां होने के बाद भी ये परियोजनाएं पूरी नहीं हो रही हैं।

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क्रेडाई के अध्यक्ष सतीश मगर ने कहा कि सरकार ने रीयल एस्टेट उद्योग को प्रभावित कर रहे मुद्दों के बारे में जानने की इच्छा प्रकट की। नारेडको के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि चूंकि अर्थव्यवस्था के साथ ही रीयल एस्टेट क्षेत्र संकट से गुजर रहा है, ‘‘ऐसे में हमें खुशी है कि वित्त मंत्री और आवास मंत्री ने हमारे साथ बैठक की और स्थिति से अवगत हुये।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सबसे सकारात्मक बात यह है कि सरकार ने इस बात को समझा है कि रीयल एस्टेट क्षेत्र की इस समस्या का निदान होना चाहिये और इसे जल्द करना होगा।’’ सरकार की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर हीरानंदानी ने कहा, ‘‘सरकार क्या कदम उठायेगी इस बारे में कोई प्रतिक्रिया हमारे पास नहीं है, हमें इसकी जानकारी नहीं है और न ही सरकार की तरफ से इस बारे में कुछ बताया गया।’’

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