वित्त मंत्रालय बिजली क्षेत्र की समस्याओं को लेकर जल्द करेगा RBI से परामर्श

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[email protected] । Aug 28 2018 1:17PM

वित्त मंत्रालय बिजली क्षेत्र के मसलों के समाधान के लिये जल्दी ही रिजर्व बैंक के साथ बातचीत कर सकता है। साथ ही फरवरी में 12 एनपीए (फंसे कर्ज) खातों के बारे दिये गये निर्देश के मामले में कुछ छूट मांग सकता है।

नयी दिल्ली। वित्त मंत्रालय बिजली क्षेत्र के मसलों के समाधान के लिये जल्दी ही रिजर्व बैंक के साथ बातचीत कर सकता है। साथ ही फरवरी में 12 एनपीए (फंसे कर्ज) खातों के बारे दिये गये निर्देश के मामले में कुछ छूट मांग सकता है। सूत्रों ने कहा कि इलाहबाद उच्च न्यायालय के आदेश के तहत मंत्रालय आरबीआई से परामर्श करेगा। अदालत ने आज निजी बिजली कंपनियों को आरबीआई के एनपीए पर 12 फरवरी के आदेश से कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया।

सूत्रों के मुताबिक करीब आठ-नौ चालू बिजली परियोजनाएं इलाहबाद उच्च न्यायालय के फैसले से प्रभावित होंगी। बैंकों ने मुख्य रूप से इन्हीं दबाव वाली परियोजनाओं को कर्ज दे रखा है। फंसे कर्ज के मामलों के त्वरित समाधान के प्रयास के तहत आरबीआई ने 12 फरवरी को करीब छह कर्ज पुनर्गठन योजनाओं को समाप्त कर दिया तथा इसकी जगह कर्ज लौटाने में चूक के मामलों के बैंकों के लिये समाधान योजना पर सहमति को लेकर 180 दिन की समयसीमा दी। ऐसा नहीं होने पर खातों को दिवाला प्रक्रिया के लिये भेजने को कहा।

वित्त मंत्रालय रिजर्व बैंक कानून, 1934 की धारा 7 के तहत केंद्रीय बैंक से परामर्श कर सकता है। कानून के तहत केंद्र सरकार बैंक के गवर्नर से परामर्श के बाद जनहित में जरूरी होने पर समय-समय पर निर्देश दे सकता है। वित्त मंत्रालय आरबीआई से दबाव वाली बिजली परियोजनाओं के समाधान के लिये 180 दिन की समयसीमा देने को कह सकता है। इसका मकसद परिचालन वाले संयंत्रों में मूल्य ह्रास की आशंका को दूर करना है। उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय ने 31 मई को आरबीआई के 12 फरवरी के परिपत्र पर रोक लगा दी थी। इसमें मामले के समाधान के लिये वित्त मंत्रालय से सभी पक्षों के साथ बैठक करने को कहा था। 

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