छात्रवृत्ति खातों पर लगाया गया जुर्माना होगा वापस: मेनका गांधी
महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि अपने छात्रवृत्ति खातों में न्यूनतम जमा राशि नहीं रखने के लिये बैंकों ने जिन छात्रों पर जुर्माना लगाया है, वह जुर्माना राशि उन्हें वापस की जाएगी।
नयी दिल्ली। महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि अपने छात्रवृत्ति खातों में न्यूनतम जमा राशि नहीं रखने के लिये बैंकों ने जिन छात्रों पर जुर्माना लगाया है, वह जुर्माना राशि उन्हें वापस की जाएगी। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) को महाराष्ट्र के एक छात्र की शिकायत की जांच के लिये कहा था। इस छात्र पर अपने छात्रवृत्ति खाते में न्यूनतम जमा राशि नहीं रखने के कारण जुर्माना लगाया गया था।
एनसीपीसीआर के एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र में जिला परिषद के एक सदस्य द्वारा दर्ज शिकायत के अनुसार भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने छात्र पर 467 रुपये का जुर्माना लगाया था। छात्रवृत्ति खाते में न्यूनतम जमा राशि 400 रुपये रखना अनिवार्य है। अधिकारी ने बताया कि आयोग ने एसबीआई और यूनियन बैंक को पत्र लिखकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों का पालन करने के लिये कहा है।
एनसीपीसीआर ने आरबीआई के परिपत्र का हवाला देते हुए कहा कि आरबीआई ने बैंकों को सुझाव दिया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि केन्द्र एवं राज्य सरकार के अंतर्गत विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत लाभ लेने वाले सभी छात्रों के खाते ‘न्यूनतम जमा राशि’ और ‘कुल ऋण सीमा’ की अनिवार्यता से मुक्त हों। मंत्री ने कहा कि इस दिशानिर्देश के अनुपालन में एसबीआई ने कहा कि जुर्माने के तौर पर ली गयी राशि वापस कर दी जायेगी।
अधिकारी ने बताया कि अलग-अलग बैंकों में न्यूनतम जमा राशि अलग-अलग निर्धारित है। मेनका गांधी ने छात्रों से अनुरोध किया कि छात्रवृत्ति खातों में न्यूनतम जमा राशि नहीं रखने के लिये जिन छात्रों पर जुर्माना लगाया गया है, वे मंत्रालय से उसकी वेबसाइट [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं।
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