अक्षय ऊर्जा खरीद नियमों का पालन नहीं करने पर वितरण कंपनियों पर लगा जुर्माना
प्रवक्ता ने कहा कि अगर वितरण कंपनियों को आरपीओ शर्तों को पूरा करने के लिये अधिक राशि खर्च करनी पड़ेगी तो इसका नकारात्मक वित्तीय प्रभाव पड़ेगा और अंतत: ग्राहकों पर अतिरिक्त शुल्क के रूप में बोझ बढ़ेगा।
नयी दिल्ली। दिल्ली के बिजली नियामक डीईआरसी ने अक्षय ऊर्जा खरीद बाध्यताओं (आरपीओ) का अनुपालन नहीं करने को लेकर टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि. (टीपीडीडीएल) पर 1.71 करोड़ रुपये और बीएसईएस यमुना पावर लि. तथा बीएसईएस राजधानी पावर लि. पर 2.88-2.88 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। वितरण कंपनियों पर ये जुर्माना तीन वित्त वर्षों (2012-13, 2013-14 और 2014-15) के लिये लगाये गये हैं।
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दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) ने अक्षय ऊर्जा खरीद बाध्यताओं को पूरा नहीं करने को लेकर पिछले महीने जुर्माना लगाने का आदेश दिया। टीपीडीडीएल के प्रवक्ता ने कहा कि डीईआरसी के आदेश पर गौर किया जा रहा है कि इस संदर्भ में उपयुक्त कदम उठाया जाएगा। उसने कहा कि आरपीओ के अनुपालन को लेकर पर्याप्त नवीकरणीय ऊर्जा या आरईसी (अक्षय ऊर्जा प्रमाणपत्र) बिजली बाजारों में वाजिब दरों पर उपलब्ध नहीं है।
प्रवक्ता ने कहा कि अगर वितरण कंपनियों को आरपीओ शर्तों को पूरा करने के लिये अधिक राशि खर्च करनी पड़ेगी तो इसका नकारात्मक वित्तीय प्रभाव पड़ेगा और अंतत: ग्राहकों पर अतिरिक्त शुल्क के रूप में बोझ बढ़ेगा। बीएसईएस वितरण कंपनियों के प्रवक्ता ने कहा कि प्रतिस्पर्धी दरों पर 1,700 मेगावाट हरित ऊर्जा के लिये दीर्घकालीन समझौते पर हस्ताक्षर किये गये हैं।
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इससे बीएसईएस की कुल ऊर्जा में अक्षय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़कर 2021-22 तक बढ़कर 27 प्रतिशत हो जाएगी। उसने कहा कि बीएसईएस 2021-22 से आरपीओ जरूरतों का 100 प्रतिशत पालन करेगा और हरित ऊर्जा के जरिये प्राप्त अधिशेष ऊर्जा से कंपनी को पूर्व वर्षों में आरपीओ की कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी।
ग्रीन एनर्जी एसोसिएशयन और इंडियन विंड पावर एसोसिएशन की टीपीडीडीएल, बीवाईपीएल तथा बीआरपीएल के खिलाफ याचिकाओं पर डीईआरसी ने उक्त आदेश दिया। याचिकाकर्ताओं ने आरपीओ नियम का पालन नहीं करने को लेकर डीईआरसी (अक्षय ऊर्जा खरीद बाध्यता और अक्षय ऊर्जा प्रमाणपत्र रूपरेखा क्रियान्वयन) नियम 2012 के तहत कार्रवाई करने का आग्रह किया था।
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आयोग ने 18 सितंबर को दिये अपने आदेश में कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि वितरण कंपनियां आरपीओ नियम का पालन करने में विफल रही हैं। डीईआरसी ने कहा कि सभी बातों और विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण के विभिन्न दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए, आरपीओ नियम का पालन नहीं करने को लेकर वितरण कंपनियों पर जुर्माना लगाया जाना चाहिए। वितरण कंपनियों से आदेश की तारीख से एक महीने के भीतर जुर्माना देने को कहा गया है।
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