जीएसटीः कर का देरी से भुगतान करने पर 18 % ब्याज देना होगा
अधिसूचना के मुताबिक कर का देरी से भुगतान करने पर 18 प्रतिशत की दर से ब्याज देय होगा। इसके साथ ही इनपुट क्रेडिट का अधिक दावा करने के मामले में 24 प्रतिशत ब्याज देय होगा।
माल एवं सेवाकर को अमल में लाने में अब केवल एक दिन बचा है ऐसे में वित्त मंत्रालय ने जीएसटी कानून के विभिन्न प्रावधानों को अधिसूचित करना शुरू कर दिया है। इनमें ब्याज की गणना करना, इनपुट कर क्रेडिट और मूल्यांकन से जुड़े प्रावधान शामिल हैं। वित्त मंत्रालय केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी), एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) और संघ शासित प्रदेश जीएसटी कानून के प्रावधानों और उनसे जुड़े नियमों को अधिसूचित कर रहा है। इनमें कर चालान, क्रेडिट और डेबिट नोट, लेखा और रिकॉर्ड, रिटर्न, कर के भुगतान, रिफंड, आकलन एवं आडिट तथा अग्रिम नियमन से जुड़े प्रावधान शामिल हैं।
मंत्रालय ने इसके साथ ही अपील और पुनर्समीक्षा, बदलाव के दौर से जुड़े प्रावधानों, मुनाफा-रोधी और ई-वे से जुड़े नियमों को भी अधिसूचित किया गया है। ये नियम एक जुलाई से अमल में आ जायेंगे। अधिसूचना के मुताबिक कर का देरी से भुगतान करने पर 18 प्रतिशत की दर से ब्याज देय होगा। इसके साथ ही इनपुट क्रेडिट का अधिक दावा करने के मामले में 24 प्रतिशत ब्याज देय होगा। इसी तरह आउटपुट देनदारी पर अधिक कमी करने पर भी इतनी ही दर से ब्याज देय होगा। रिफंड यदि रोका जाता है तो उस पर 6 प्रतिशत दर से ब्याज देना होगा। मंत्रालय इसके अलावा केंद्रीय जीएसटी नियमों में 12 संशोधनों को भी अधिसूचित कर रहा है।
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