GST संग्रह के लिए नकद आधारित लेखा प्रणाली अपनाएगा वित्त मंत्रालय

FinMin to move to cash basis accounting for GST collection
[email protected] । Apr 25 2018 8:26AM

वास्तविक राजस्व प्राप्ति में किसी तरह के अंतर को दुरुस्त करने के लिए वित्त मंत्रालय इस वित्त वर्ष से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के लिए नकद आधारित लेखा प्रणाली को अपनाएगा।

नयी दिल्ली। वास्तविक राजस्व प्राप्ति में किसी तरह के अंतर को दुरुस्त करने के लिए वित्त मंत्रालय इस वित्त वर्ष से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के लिए नकद आधारित लेखा प्रणाली को अपनाएगा। इसमें किसी महीने के संग्रह की जानकारी अगले महीने के पहले कार्यदिवस पर की जाएगी। अभी तक जीएसटी के तहत मासिक रिटर्न आगे के महीने की 20 तारीख तक भरने की अनुमति होती है और राजस्व संग्रह का हिसाब किताब 26 तारीख को किया जाता है। इस लिहाज से राजस्व संग्रह का आंकड़ा करीब एक महीने पिछड़ जाता है।

इससे ऐसी स्थिति बनी है जबकि सरकार जीएसटी क्रियान्वयन के पहले वर्ष में एक महीने कम का जीएसटी संग्रह का आंकड़ा ही ले पाई। अधिकारियों ने बताया कि इस अंतर को पाटने के लिए अप्रैल महीने के जीएसटी संग्रह का हिसाब किताब वास्तविक आधार पर एक मई को किया जाएगा। तकनीकी रूप से मार्च महीने के जीएसटी संग्रह का हिसाब किताब इसी सप्ताह होना था। 

लेकिन नकद आधारित लेखा प्रणाली को अपनाने के लिए मार्च के कर संग्रह में सिर्फ एकीकृत जीएसटी को ही लिया जाएगा। एकीकृत जीएसटी राज्य से राज्य के बीच माल की आवाजाही तथा आयात पर लगाया जाता है। एक अधिकारी ने कहा कि एकीकृत जीएसटी की राशि करीब 20,000 करोड़ रुपये बैठेगी। अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय जीएसटी (सी-जीएसटी) तथा राज्य जीएसटी (एस-जीएसटी) का मार्च संग्रह अप्रैल के आंकड़ों में दिखेगा जिसे एक मई को सार्वजनिक किया जाएगा।

ऐसे में अप्रैल के आंकड़े काफी ऊंचा होगा क्योंकि इसमें अप्रैल के संग्रह के अलावा मार्च का सीजीएसटी और एसजीएसटी संग्रह भी शामिल होगा। इसे एक मई को जारी किया जाएगा। मई से सीजीएसटी, आईजीएसटी तथा एसजीएसटी का मासिक संग्रह एक जून को आएगा। एक अधिकारी ने कहा कि नकद आधारित लेखा प्रणाली से किसी महीने के कर संग्रह को महीना समाप्त होने के तुरंत बाद जारी किया जाएगा और इससे जीएसटी संग्रह की लेखा स्थिति बेहतर हो सकेगी।

अधिकारी ने बताया कि वित्त मंत्रालय एक या दो दिन में 2017-18 के लिए मासिक जीएसटी संग्रह का आंकड़ा पेश करेगा। इसमें मार्च महीने का सिर्फ आईजीएसटी का आंकड़ा होगा जो करीब 20,000 करोड़ रुपये बैठेगा। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार फरवरी के लिए जीएसटी संग्रह 85,174 करोड़ रुये और जनवरी का 86,318 करोड़ रुपये रहा। दिसंबर में यह 88,929 करोड़ रुपये और नवंबर में 83,716 करोड़ रुपये रहा।

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