कंपनी सचिव हर सूरत में कानून का पालन कराएंः NCLT
कंपनी सचिवों को अपने ग्राहकों को यह सलाह देनी चाहिए कि छोटे रास्ते अपनाना गलत है और कानून का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए। यह बात आज एनसीएलटी के अध्यक्ष ने कही।
कंपनी सचिवों को अपने ग्राहकों को यह सलाह देनी चाहिए कि छोटे रास्ते अपनाना गलत है और कानून का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए। यह बात आज एनसीएलटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एमएम कुमार ने आज दस्तावेज के साथ छेड़-छाड़ की घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए कही। कंपनियों के काम-काज के मामलों में कंपनी सचिवों को ‘अंदरूनी सूत्र’ करार देते हुए उन्होंने इस बात पर जोर डाला कि बेहतरीन कार्य-व्यवहार का अनुपालन होना चाहिए।
पिछले महीने गठित राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायधिकरण (एनसीएलटी) ने कंपनी कानून बोर्ड की जगह ली है। उन्होंने कहा, ‘‘कंपनी सचिव ‘अंदरूनी सूत्र’ होते हैं। उन्हें अपने ग्राहकों पर जोर डालना चाहिए और सलाह देनी चाहिए कि काम-काज के लिए छोटे रास्ते दरअसल गलत रास्ते होते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बेहतरीन कार्य-व्यवहार का अनुपालन होना चाहिए, पेशेवर कार्य-व्यापार का अनुपालन होना चाहिए, कुछ भी हो मुद्दे और कानून की अनिवार्यता पर दृढ़ होना चाहिए।’’
कुमार यहां कंपनी सचिवों की सर्वोच्च संस्था, आईसीएसआई और एनसीएलटी बार एसोसिएशन के एक समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘मिसाल के तौर पर यदि बैठक के ब्यौरे को रिकार्ड करने की जरूरत हो तो कंपनी सचिवों को एक या दो दिन का समय अधिक देना चाहिए लेकिन आप यह नहीं कह सकते कि आप जब चाहें रिकार्ड कर लें।’’ पूर्ववर्ती कंपनी कानून बोर्ड के अध्यक्ष रहे कुमार ने कहा कि अपने कार्यकाल में उनका सामना दस्तावेज में छेड़-छाड़ की समस्या से हुआ। कारपोरेट कदाचार के कई तरह के मामले आए जिनमें खातों और दस्तावेज से छेड़-छाड़ के मामले शामिल हैं।
राष्ट्रीय कंपनी कानूनी अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय भी इस अवसर पर मौजूद थे। कारपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनी कानून, 2013 के तहत एनसीएलटी और इसी अपलीय ट्रिब्यूनल को एक जून को अधिसूचित किया था। इसका गठन राष्ट्रीय राजधानी, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद और चेन्नई समेत 10 स्थानों पर किया गया।
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