सोना आयात इस साल अप्रैल-जुलाई की अवधि में 76 % घटा

[email protected] । Aug 12 2016 1:42PM

भारत में सोने का आयात चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से जुलाई की अवधि में 76 प्रतिशत की गिरावट के साथ 60 टन पर आ गया। एमएमटीसी-पीएएमपी के प्रबंध निदेशक ने यह जानकारी दी।

आगरा। भारत में सोने का आयात चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से जुलाई की अवधि में 76 प्रतिशत की गिरावट के साथ 60 टन पर आ गया। सोना-चांदी रिफाइनर कंपनी एमएमटीसी-पीएएमपी ने कहा कि ऐसा आयात शुल्क और अन्य करों के मद्देनजर हुआ। कंपनी ने कहा कि भारत में आयात शुल्क में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी के मद्देनजर इन चार महीनों में गैरकानूनी तरीकों से करीब 80 टन सोने का आयात हुआ। एमएमटीसी-पीएएमपी के प्रबंध निदेशक राजेश खोसला ने तीन दिन के भारत अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण सम्मेलन के मौके पर कहा, ‘‘जब तक सीमा शुल्क में 3-4 प्रतिशत की कटौती नहीं की जाती यह गैरकानूनी आयात का रुझान बरकरार रहेगा।’’

उन्होंने कहा कि सोने के आयात में गिरावट सरकार की अच्छी खबर हो सकती है क्योंकि इससे चालू खाते के घाटे को नियंत्रित रखने में मदद मिल रही है लेकिन ऐसा लगता है कि सोने की बढ़ती तस्करी के बारे में किसी को चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में आधिकारिक तौर पर सोने का कुल आयात चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से जुलाई की अवधि में घटकर 60 टन रह गया जो पिछले साल में हुए 250 टन के आयात से काफी कम है। खोसला ने यह भी कहा कि एमएमटीसी-पीएएमपी द्वारा उक्त अवधि में सोने का आयात सिर्फ पांच टन रहा जो साल भर पहले 50 टन था। उन्होंने कहा, ‘‘आयात में कमी की कई वजहें हैं। एक है सीमा शुल्क जिसके कारण तस्करी हो रही है और दूसरा खराब किस्म के जेवरात के निर्यात के लिए लोगों को प्रोत्साहन दिया जाना।’’

खोसला ने कहा कि आयात इसलिए घट रहा है क्योंकि स्थानीय कारोबारी एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क पेश किए जाने के बाद गैरकानूनी स्टाक खत्म कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अब कारोबारी ऐसे स्टाक खत्म कर रहे हैं जो उनके बही-खाते में शामिल नहीं है। जल्दबाजी में स्टाक खत्म करने के लिए वे वैश्विक स्तर पर कीमत में भारी बढ़ोतरी के बावजूद बिक्री 3-4 प्रतिशत की रियायती दर पर कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि इसके कारण सर्राफ उद्योग आयात के लिए उत्सुक नहीं है और रियायती दर पर बिक्री कर रहा है। खोसला ने कहा, ‘‘रिफाइनर के तौर पर एमएमटीसी-पीएएमपी को ऐसी रियायती दर पर बिक्री करने में मुश्किल हो रही है। इसलिए हमने अपना परिचालन घटा दिया है।’’ उन्होंने कहा कि मौजूदा रुझान बरकरार रहा तो चालू वित्त वर्ष में कंपनी अधिकतम 10 टन का आयात कर सकती है जो पिछले साल 120 टन था।

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