भारत होगा बड़ी निर्यात अर्थव्यवस्था, सौ भारतीय भाषाओं के लिए बना रहे एआई मॉडलः सुंदर पिचाई

Sundar Pichai
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उन्होंने कहा कि इन नई कंपनियों के लिए चिह्नित 30 करोड़ डॉलर में से एक-चौथाई राशि महिलाओं की अगुवाई वाले स्टार्टअप में निवेश की जाएगी। अपनी यात्रा के पहले दिन उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के अलावा दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ एक कार्यक्रम में शिरकत भी की।

दिग्गज इंटरनेट कंपनी गूगल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई ने भारत को एक बड़ी निर्यात अर्थव्यवस्था बताते हुए सोमवार को कहा कि गूगल 100 से अधिक भारतीय भाषाओं के लिए एक इंटरनेट सर्च मॉडल विकसित कर रही है और यहां के महिलाओं के नेतृत्व वाली स्टार्टअप कंपनियों को 7.5 करोड़ डॉलर की मदद देगी। भारत दौरे पर पहुंचे पिचाई ने यहां आयोजित ‘गूगल फॉर इंडिया’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गूगल भारत से कारोबार कर रहे स्टार्टअप पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

उन्होंने कहा कि इन नई कंपनियों के लिए चिह्नित 30 करोड़ डॉलर में से एक-चौथाई राशि महिलाओं की अगुवाई वाले स्टार्टअप में निवेश की जाएगी। अपनी यात्रा के पहले दिन उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के अलावा दूरसंचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ एक कार्यक्रम में शिरकत भी की। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद पिचाई ने ट्वीट में कहा, ‘‘एक बेहतरीन मुलाकात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद। आपके नेतृत्व में हो रहे प्रौद्योगिकी बदलाव की तेज रफ्तार को देखना प्रेरणादायक है। अपनी सशक्त भागीदारी को जारी रखने का इंतजार और एक मुक्त, कनेक्टेड इंटरनेट की दिशा में भारत की जी20 अध्यक्षता को हमारा समर्थन।’’

हालांकि, गूगल ने यह नहीं बताया कि पिचाई की इन मुलाकातों में किस मुद्दे पर चर्चा हुई। लेकिन खुद पिचाई ने अपनी यात्रा की शुरुआत में लिखे एक ब्लॉग में कहा था कि वह प्रधानमंत्री के साथ भारत के छोटे कारोबार एवं स्टार्टअप को समर्थन देने और साइबर सुरक्षा में गूगल के निवेश जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा शिक्षा एवं कौशल प्रशिक्षण और कृषि एवं स्वास्थ्य देखभाल जैसे क्षेत्रों में कृत्रिम मेधा (एआई) के इस्तेमाल मेंगूगल की पहल पर भी चर्चा होगी। पिचाई ने ‘गूगल फॉर इंडिया’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी बड़े पैमाने पर काम कर रही है और दुनियाभर के लोगों की जिंदगी पर असर डाल रही है।

ऐसे समय में जिम्मेदार एवं संतुलित नियम बनाने की मांग उठ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘इसके (भारत) पास जो पैमाना और प्रौद्योगिकी होगी, उसे देखते हुए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आप लोगों के लिए सुरक्षा उपाय करें, संतुलन साधें। आप एक नवोन्मेषी ढांचा खड़ा कर रहे हैं ताकि कंपनियां कानूनी ढांचे में एक निश्चितता के बीच नवाचार कर सकें। भारत एक बड़ी निर्यात अर्थव्यवस्था भी होगा। उसे एक मुक्त एवं जुड़े हुए इंटरनेट से लाभ होगा और यह सही संतुलन साधना अहम होगा।’’ इसके पहले उन्होंने अपने ब्लॉग में कहा, ‘‘मैं 10 अरब डॉलर के अपने 10 साल के भारत डिजिटलीकरण कोष (आईडीएफ) से हुई प्रगति को देखने और नए तरीके साझा करने के लिए यहां आया हूं। हम भारत के डिजिटल भविष्य को आगे बढ़ाने में मदद कर रहे हैं।’’

भारत में जन्मे और पले-बढ़े पिचाई ने कहा, ‘‘एआई पर आधारित एक एकल, एकीकृत मॉडल का विकास हमारे इसी समर्थन का हिस्सा है। यह लिखे हुए शब्दों एवं आवाज के जरिये 100 से अधिक भारतीय भाषाओं को संचालित करने में सक्षम होगा। यह मॉडल दुनिया में सर्वाधिक बोली जाने वाली 1,000 भाषाओं को ऑनलाइन मंच पर लाने की हमारी पहल का ही हिस्सा है।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गूगल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के साथ मिलकर उत्तरदायी एआई के लिए एक नए, बहु-विषयी केंद्र को भी समर्थन दे रही है। यह एआई की दिशा में गूगल की वैश्विक पहल का ही हिस्सा है। पिचाई ने कहा, ‘‘मैं यह देखने के लिए काफी उत्सुक हूं कि भारत एआई के क्षेत्र में नए कदम किस तरह उठाता है। इससे भारत के एक अरब से अधिक लोगों को लाभ हो सकता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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