अलग से कृषि बजट लाने से सरकार का इंकार
केन्द्र ने कृषि क्षेत्र के लिए अलग से बजट लाए जाने के सुझाव से इंकार करते हुए कहा कि आम बजट में कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए आवंटन बढ़ाया गया है।
नयी दिल्ली। केन्द्र ने कृषि क्षेत्र के लिए अलग से बजट लाए जाने के सुझाव से इंकार करते हुए कहा कि आम बजट में कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए आवंटन बढ़ाया गया है। साथ ही उसने 2022 तक देश के किसानों की आय को दुगना करने की प्रतिबद्धता को दोहराया। कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए इस बात से इंकार किया कि सरकार कृषि के लिए अलग से बजट लाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दुगना किये जाने का उद्देश्य यह है कि उन्हें बेहतर आयु सुरक्षा एवं बेहतर क्षमता उपलब्ध करायी जाए ताकि उनके जीवन स्तर में सुधार आ सके।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में अध्ययन करने के लिए कृषि, सहकारिता एवं संबंधित कार्य योजना विभाग के अवर सचिव की अध्यक्षता में एक अंतर मंत्रालयी समिति गठित की गयी है। उन्होंने बताया कि सितंबर तक इस समिति की रिपोर्ट आएगी। सिंह ने बताया कि ई मंडी शुरू करने की पहल छह साल पहले शुरू हुई थी। किन्तु इस दिशा में राज्यों की तरफ से समुचित रुचि नहीं दिखायी गयी। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से इस दिशा में कई प्रयास किये गये। उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य है कि मार्च 2018 तक देश की 585 मंडियों को ई प्लेटफार्म से जोड़ दिया जाए। कृषि मंत्री ने एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य इस प्रकार तय करती है जिससे किसानों को लागत से कुछ अधिक मूल्य मिल सके ताकि उनकी लागत पूरी हो सके। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य विभिन्न राज्यों में किसानों की लगने वाली लागत का अध्ययन करके तय किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि कई बार ऐसा भी हुआ है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में जो सुझाव मिले, कैबिनेट ने उससे भी अधिक एमएसपी तय किया ताकि किसानों को बेहतर लाभ मिल सके।
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