अन्य श्रेणी के आयात पर अंकुश लगाएगी सरकार: पीयूष गोयल
पीयूष गोयल ने कहा कि यदि वे ऐसा करने में विफल रहते हैं तो सरकार उनके आयात पर कड़े अंकुश लगाएगी। व्यापार की बोली में प्रत्येक उत्पाद को एचएसएन कोड (हार्मोनाइज्ड सिस्टम आफ नोमन्क्लेचर) में वर्गीकृत किया जाता है। इससे दुनिया भर में वस्तुओं के प्रणालीगत वर्गीकरण में मदद मिलती है।
नयी दिल्ली। सरकार माल की ‘अन्य’ श्रेणी में आयात में तेज बढ़ोतरी को लेकर चिंतित है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को ऐसे आयातकों से 30 दिन के भीतर विदेश व्यापार कार्यालय से एचएसएन या शुल्क कोड हासिल करने को कहा है। गोयल ने कहा कि यदि वे ऐसा करने में विफल रहते हैं तो सरकार उनके आयात पर कड़े अंकुश लगाएगी। व्यापार की बोली में प्रत्येक उत्पाद को एचएसएन कोड (हार्मोनाइज्ड सिस्टम आफ नोमन्क्लेचर) में वर्गीकृत किया जाता है। इससे दुनिया भर में वस्तुओं के प्रणालीगत वर्गीकरण में मदद मिलती है।
‘Made in India’ should carry the commitment of 130 crore people.
— Piyush Goyal Office (@PiyushGoyalOffc) January 15, 2020
A commitment towards:
- Quality
- Sincerity
- Customer Satisfaction
- Not to be Second Best: @PiyushGoyal
गोयल ने कहा कि देश के आयात में ‘अन्य’ की श्रेणी की वजह से दिक्कत आ रही है। उन्होंने कहा कि अन्य के नाम पर तमाम तरह का सामान देश में मंगाया जा रहा है। उन्होंने एक विश्लेषण का हवाला देते हुए कहा कि देश में आयातित चार में से एक उत्पाद ‘अन्य’ श्रेणी का होता है। वित्त वर्ष 2018-19 में देश के कुल 500 अरब डॉलर के आयात में से 100 अरब डॉलर का आयात अन्य श्रेणी में हुआ। गोयल ने कहा, ‘‘मैं इस बारे में जर्मनी का मॉडल अपनाऊंगा।’’ उन्होंने कहा कि वह इस पर आयातकों की प्रतिक्रिया का 30 दिन तक इंतजार करेंगे। उसके बाद इस श्रेणी में किसी भी तरह के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आयातकों को इस तरह के आयात के लिए मंत्रालय से विशेष लाइसेंस लेना होगा। इसके बिना आप अन्य श्रेणी में कोई सामान आयात नहीं कर सकेंगे। गोयल ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के राष्ट्रीय मानक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आज मैं इस बारे में अंतिम घोषणा करने जा रहा हूं। मैं ऐसे सामान का आयात करने वाले सभी लोगों से अपील करता हूं कि वे अपने उत्पादन को संबंधित एचएसएन कोड में वर्गीकृत कराएं।’’ गोयल ने आयातकों से कहा कि वे अपनी नजदीकी विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) से संपर्क करें।
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