विमानों से माल ढुलाई के लिए अधिक स्टेशन की स्थापना करना चाहती है सरकार
सरकार सक्रिय तरीके से विमान ढुलाई स्टेशनों की स्थापना करना चाहती है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि इससे हवाई कॉर्गो परिचालन की लागत घटेगी। नागर विमानन मंत्रालय जल्द हवाई कॉर्गो नीति ला सकती है।
नयी दिल्ली। सरकार सक्रिय तरीके से विमान ढुलाई स्टेशनों की स्थापना करना चाहती है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि इससे हवाई कॉर्गो परिचालन की लागत घटेगी। नागर विमानन मंत्रालय जल्द हवाई कॉर्गो नीति ला सकती है। इससे उद्योग के खिलाड़ियों के समक्ष आ रही विभिन्न दिक्कतों को दूर करने में मदद मिलेगी। नागर विमानन सचिव आर एन चौबे ने पीएचडी चैंबर आफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित हवाई माल ढुलाई सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम सक्रिय तरीके से आफसाइट विमान ढुलाई स्टेशनों की स्थापना का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, यह हवाई अड्डा परिचालकों के वित्तीय हित के खिलाफ होगा, लेकिन आगे चलकर यही करना होगा। हम विमान से ढुलाई को सस्ता करना चाहते हैं।’’ एयर फ्रेट स्टेशन (एएफएस) या ढुलाई स्टेशन एक हवाई अड्डे से दूर की साझा उपयोक्ता सुविधा है। इसके तहत आयात और निर्यात खेप के अस्थायी रखरखाव और भंडारण की सुविधा दी जाती है।
चौबे ने कहा कि हवाई कॉर्गो नीति उद्योग के समक्ष आने वाली कई समस्याओं का जवाब होगी। उन्होंने कहा कि मंत्रालय विमान ढुलाई परिचालन से संबंधित कई कामकाज हवाई अड्डे से बाहर लेकर जाएगा क्योंकि हवाई अड्डे पर जगह काफी महंगी पड़ती है। इसी कार्यक्रम में नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि देश में विमान ढुलाई को लेकर काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि एक एकीकृत लॉजिस्टिक्स नीति पर काम चल रहा है और इसकी जल्द घोषणा की जाएगी जिससे कॉर्गो की आवाजाही दक्ष तरीके से हो सके। इस मौके पर आक्टस एडवाइजर्स की रिपोर्ट जारी की गई। वित्त वर्ष 2016-17 और 2017-18 भारत से विमान के जरिये माल ढुलाई क्रमश: 10.1 प्रतिशत और 12.7 प्रतिशत बढ़ी है।
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