क्या है ‘पीडीएस’, जिसके तहत सरकार देगी पांच किलो अनाज, एक किलो दाल मुफ्त

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा करते हुए कहा कि ये अनाज और दाल इस लिये दिये जा रहे हैं कि देशभर में कामकाज, आवाजाही सब कुछ बंद रखा गया है। ऐसे में कोई भी परिवार भूखा नहीं रहे इसलिये तीन महीने तक राशन में ये चीजें मुफ्त उपलब्ध कराई जा रही हैं।

नयी दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिये तीन सप्ताह के लिये देशभर में आवाजाही पर लगाई गई रोक के मद्देनजर सरकार ने 80 करोड़ से अधिक राशनकार्ड धारकों को अगले तीन महीने तक प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज (गेहूं अथवा चावल) और प्रति परिवार एक किलो दाल मुफ्त देने की बृहस्पतिवार को घोषणा की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा करते हुए कहा कि ये अनाज और दाल इस लिये दिये जा रहे हैं कि देशभर में कामकाज, आवाजाही सब कुछ बंद रखा गया है। ऐसे में कोई भी परिवार भूखा नहीं रहे इसलिये तीन महीने तक राशन में ये चीजें मुफ्त उपलब्ध कराई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि राशन कार्ड धारकों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत पहले से काफी सस्ती दरों पर अनाज -दो रुपये किलो गेहूं और तीन रुपये किलो चावल- मिल रहा है। इसके अलावा अगले तीन महीने प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज और प्रति राशन कार्ड एक किलो दाल उन्हें इसके अतिरिक्त मिलेगा।

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सीतारमण ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ गरीब लोगों को अगले तीन महीने के लिये पांच किलो गेहूं या पांच किलो चावल तथा क्षेत्रीय वरीयता के मुताबिक एक किलो दाल हर महीने अगले तीन माह के दौरान मुफ्त दी जायेगी। यह सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत पहले से मिल रहे प्रति व्यक्ति पांच किलो के कोटा के अतिरिक्त होगा।’’ दाल पीडीएस दुकानों से दो बार में प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इन उपायों से यह सुनिश्चित होगा कि कोई गरीब भूखा नहीं रहे।’’ आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सरकार के पास भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों में 584.9 लाख टन अनाज का सुरक्षित भंडार है। इसमें 309.7 लाख टन चावल तथा 275.2 लाख टन गेहूं है। सरकारी गोदामों में अनाज की यह मात्रा एक अप्रैल को सरकारी भंडार में निर्धारित मात्रा से कहीं अधिक हे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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