सरकार अप्रैल से केंद्रीय लोक उपक्रमों की संपत्ति बिक्री प्रक्रिया शुरू करेगी

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[email protected] । Feb 4 2019 6:20PM

विभाग के सचिव अतनु चक्रवर्ती ने पीटीआई -भाषा से बातचीत में कहा, ‘‘अगले वित्त वर्ष से संपत्ति बिक्री से संबंधित रूपरेखा अमल में आएगी। हम चालू वित्त वर्ष में रूपरेखा और संपत्ति को अंतिम रूप दे देंगे।

नयी दिल्ली। सरकार अगले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के मूल कारोबार को छोड़कर उनकी दूसरी गतिविधियों की संपत्ति को बेचने की प्रक्रिया शुरू करेगी। ये वे कंपनियां हैं जिनकी पहचान अगले वित्त वर्ष में रणनीतिक विनिवेश के लिये की गयी हैं। एक अधिकारी ने यह कहा। मंत्रिमंडल पहले ही करीब दो दर्जन केंद्रीय लोक उपक्रमों (सीपीएसई) में रणनीतिक बिक्री को मंजूरी दी है। इसमें एयर इंडिया, ड्रेजिंग कारपोरेशन आफ इंडिया तथा भारत अर्थ मूवर्स लि. शामिल हैं।

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इसमें से निवेश और सार्वजनिक संपत्ति विभाग (दीपम) ने रणनीतिक बिक्री से पहले जमीन और अन्य संपत्ति की बिक्री के लिये 9 लोक उपक्रमों की पहचान की है। इन कंपनियों में स्कूटर्स इंडिया, एयर इंडिया, भारत पंप्स एंड कम्प्रेशर्स लि., प्रोजेक्ट एंड डेवलपमेंट इंडिया (पीडीआईएल), हिंदुस्तान प्रीफैब, हिंदुस्तान न्यूजप्रिंट लि., ब्रिज एंड रूफ कंपनी तथा हिंदुस्तान फ्लूरोकार्बन्स शामिल हैं। दीपम संपत्ति को बाजार में भुनाने के लिये रूपरेखा तैयार कर रही है। यह रूपरेखा संबंधित मंत्रालयों के लिये केंद्रीय उपक्रमों की संपत्ति बिक्री के लिये प्रक्रिया निर्धारित करेगा।

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विभाग के सचिव अतनु चक्रवर्ती ने पीटीआई -भाषा से बातचीत में कहा, ‘‘अगले वित्त वर्ष से संपत्ति बिक्री से संबंधित रूपरेखा अमल में आएगी। हम चालू वित्त वर्ष में रूपरेखा और संपत्ति को अंतिम रूप दे देंगे। वास्तविक प्रक्रिया अगले वित्त वर्ष से शुरू होगी। रूपरेखा में संपत्ति को परिभाषित किया जाएगा। साथ ही इसमें विभिन्न तौर-तरीके होंगे जिसके अंतर्गत वे संपत्ति को भुनाने के लिये कदम उठा सकते हैं। इसमें पूरी प्रक्रिया का जिक्र होगा।’’

दीपम की अगले वित्त वर्ष के लिये निर्धारित 90,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने की रणनीति में लोक उपक्रमों की संपत्ति बिक्री शामिल है। विभाग पहले ही दिशानिर्देश पर मंत्रिमंडल नोट का मसौदा जारी कर चुका है। यह उन लोक उपक्रमों पर लागू होगा जिनमें रणनीतिक विनिवेश किया जाना है।

हालांकि, राज्य के अधिकार क्षेत्र वाली कोई सार्वजनिक कंपनी जो अपनी गैर-प्रमुख संपत्ति को बेचना चाहती है, वह भी इस रूपरेखा का अनुकरण कर सकती है।

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