राज्यों से सलाह किए बिना GST परिषद तय करती है बैठक का एजेंडा
छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए जीएसटी परिषद ने बृहस्पतिवार को जीएसटी छूट सीमा को बढ़ाकर दोगुना कर दिया। अब यह सीमा 40 लाख रुपये होगी।
नयी दिल्ली। आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री यानमाला रामकृष्णुडु ने बृहस्पतिवार को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने राज्य सरकारों से परामर्श किये बिना बैठक के मुद्दे तय किए। उन्होंने इस बात पर गंभीर चिंता व्यक्त की। हालांकि, उन्होंने जीएसटी परिषद के विभिन्न फैसलों का समर्थन किया है।
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उल्लेखनीय है कि छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए जीएसटी परिषद ने बृहस्पतिवार को जीएसटी छूट सीमा को बढ़ाकर दोगुना कर दिया। अब यह सीमा 40 लाख रुपये होगी। इसके अलावा अब डेढ करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली इकाइयां एक प्रतिशत दर से जीएसटी भुगतान की कम्पोजिशन योजना का लाभ उठा सकेंगी। कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनने वालों को सालाना सिर्फ एक कर रिटर्न दाखिल करनी होगी।
The Minister of Finance & Corporate Affairs,Shri @arunjaitley addressing a Press Conference after the conclusion of 32nd GST Council Meeting in New Delhi today. On the occasion,MOS(Finance) @BJPShivPShukla ,Revenue Secy,Sh. A.B. Pandey & Chairman,CBIC,Sh PK Das were also present. pic.twitter.com/NDG1e0Ayg1
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) January 10, 2019
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एक आधिकारिक बयान में रामकृष्णुडु ने इस बात पर गंभीर चिंता जाहिर की कि परिषद राज्यों से परामर्श लिए बगैर एजेंडा तय कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्यों को छूट और कर में कमी से जुड़ी कुछ दिक्कतें हैं, जिनमें से कुछ पर कई बार पत्र लिखने के बावजूद चर्चा नहीं की गयी।
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