हिंदुस्तान कॉपर का अयस्क उत्पादन क्षमता को दो करोड़ टन करने का लक्ष्य

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सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान कॉपर लि. (एचसीएल) को एक मजबूत वित्तीय क्षमता वाले भागीदार की तलाश है। भागीदार की मदद से कंपनी अपनी सालाना अयस्क उत्पादन क्षमता को तेजी से दो करोड़ टन तक पहुंचाना चाहती है।

नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान कॉपर लि. (एचसीएल) को एक मजबूत वित्तीय क्षमता वाले भागीदार की तलाश है। भागीदार की मदद से कंपनी अपनी सालाना अयस्क उत्पादन क्षमता को तेजी से दो करोड़ टन तक पहुंचाना चाहती है। हिंदुस्तान कॉपर के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अरुण कुमार शुक्ला ने यह जानकारी दी। शुक्ला ने कहा कि कंपनी पहले चरण में अपनी अयस्क उत्पादन क्षमता को 40 लाख टन से बढ़ाकर 1.22 करोड़ टन सालाना करेगी। उसके बाद इसे सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत 2.02 करोड़ टन सालाना किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कंपनी को मजबूत वित्तीय पृष्ठभूमि वाले भागीदार की तलाश है। इससे कंपनी भविष्य की खान विस्तार परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ा पाएगी।

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शुक्ला ने कहा कि पहले चरण में अयस्क उत्पादन को तीन गुना करने का लक्ष्य सात से आठ साल में हासिल हो जाएगा। एचसीएल फिलहाल निचले ग्रेड के अयस्क की समस्या से जूझ रही है। कंपनी प्रमुख ने कहा कि 2020-21 के अंत तक भूमिगत खान से अयस्क उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। इससे यह समस्या आंशिक रूप से हल हो जाएगी। इससे पहले शुक्ला ने कहा था कि 2019-20 में कमजोर प्रदर्शन की वजह से कंपनी की हालत काफी खराब है।

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उन्होंने कर्मचारियो से मुश्किल समय के लिए तैयार रहने का कहा था। हिदुस्तान कॉपर को मार्च, 2020 में समाप्त तिमाही में 514.27 करोड़ रुपये का एकीकृत घाटा हुआ है। बीते पूरे वित्त वर्ष यानी 2019-20 में कंपनी को 569.21 करोड़ रुपये का एकीकृत घाटा हुआ है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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