अब उपभोक्ताओं से खाने के बिल पर सेवा शुल्क नहीं वसूल सकेंगे होटल, रेस्तरां, सीसीपीए ने लगायी पाबंदी

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इसके अलावा, सेवा शुल्क को खाने के बिल के साथ जोड़कर और कुल राशि पर जीएसटी लगाकर एकत्र नहीं किया जा सकता है।

नयी दिल्ली|  होटल और रेस्तरां अब ग्राहकों से खाने के बिल पर सेवा शुल्क नहीं ले सकेंगे। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने सोमवार को होटल और रेस्तरांओं को खाने के बिल में स्वत: लगने वाला सेवा शुल्क जोड़ने से प्रतिबंधित कर दिया। आदेश का उल्लंघन होने पर उपभोक्ता इसकी शिकायत कर सकेंगे।

बढ़ती शिकायतों के बीच सीसीपीए ने अनुचित व्यापार गतिविधियां और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन को रोकने के लिये दिशानिर्देश जारी किये। सीसीपीए के मुख्य आयुक्त ने दिशानिर्देश में कहा, ‘‘कोई भी होटल या रेस्तरां बिल में अपने-आप सेवा शुल्क नहीं जोड़ेंगे।’’ साथ ही किसी अन्य नाम से भी सेवा शुल्क नहीं वसूला जाएगा।’’ रेस्तरां और होटल आमतौर पर खाने के बिल पर 10 प्रतिशत सेवा शुल्क लेते हैं।

दिशानिर्देशों पर अपनी प्रतिक्रिया में फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) के उपाध्यक्ष गुरबख्श सिंह कोहली ने पीटीआई-से कहा कि इसका ‘दूरगामी परिणाम’ होगा। वह इस आदेश का अध्ययन करेंगे और इसके बाद सरकार से संपर्क करेंगे। कोहली ने कहा, ‘‘अगर आप नियम और कानून बनाना चाहते हैं, तो आप कृपया कानून बनाएं और सुनिश्चित करें कि सभी लोग कानून का पालन करें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें अभी आदेश की प्रति मिली है। हम अगले कुछ दिनों में इसका अध्ययन करेंगे। हम स्पष्ट रूप से सरकार से संपर्क करेंगे। हम उनसे कहेंगे कि हमें अलग-थलग मत करो। कृपया सुनिश्चित करें कि अन्य लोग भी ऐसा न करें।’’ दिशानिर्देश में कहा गया है कि कोई भी होटल या रेस्तरां ग्राहकों को सेवा शुल्क देने के लिये बाध्य नहीं कर सकता। ग्राहक चाहे तो सेवा शुल्क दे सकते हैं।

यह पूरी तरह से स्वैच्छिक, वैकल्पिक और उपभोक्ता के विवेक पर निर्भर करेगा। दिशानिर्देश के अनुसार, ‘‘उपभोक्ताओं पर सेवा शुल्क के संग्रह के आधार पर प्रवेश या सेवाओं को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। ’’ इसके अलावा, सेवा शुल्क को खाने के बिल के साथ जोड़कर और कुल राशि पर जीएसटी लगाकर एकत्र नहीं किया जा सकता है।

यदि कोई उपभोक्ता यह पाता है कि होटल या रेस्तरां दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए सेवा शुल्क वसूल रहे हैं, तो वह संबंधित इकाई से इसे बिल राशि से हटाने का अनुरोध कर सकता है। उपभोक्ता जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) नंबर 1915 पर कॉल करके या एनसीएच मोबाइल ऐप के जरिये भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

वे उपभोक्ता आयोग में भी इस बारे में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। शिकायत इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ई-दाखिल पोर्टल के जरिये दर्ज करायी जा सकती है। इसके अलावा उपभोक्ता संबंधित जिले के जिला कलेक्टर को भी जांच के लिये शिकायत दे सकते हैं।

सीसीपीए को ई-मेल के जरिये भी शिकायत भेजी जा सकती है। सीसीपीए ने अपने दिशानिर्देशों में कहा कि ‘टिप’ उपभोक्ता और होटल प्रबंधन के बीच अनुबंधित बुनियादी न्यूनतम सेवा से परे प्राप्त सेवा के लिये है।

भोजन पूरा करने के बाद ही उपभोक्ता गुणवत्ता के साथ सेवा का आकलन करता है और उसके पश्चात यह तय करने की स्थिति में होता है कि ‘टिप’ का भुगतान करना है या नहीं और यदि हां, तो कितना। उपभोक्ता द्वारा ‘टिप’ का भुगतान करने का निर्णय केवल रेस्तरां में प्रवेश करने या ऑर्डर देने से नहीं होता है।

सीसीपीए का गठन ग्राहक अधिकारों के उल्लंघन, अनुचित व्यापार गतिविधियों और गुमराह करने वाले विज्ञापनों से संबंधित मामलों के निपटान को लेकर उपभोक्ता संरक्षण कानून, 2019 के तहत किया गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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