आइडिया-वोडाफोन विलय को मंजूरी, बस कुछ औपचारिकताएं शेष
दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने आज कहा कि सरकार ने आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया के विलय को मंजूरी दे दी है। लेकिन, दूरसंचार क्षेत्र के इस सबसे बड़े विलय सौदे को पूरा करने से पहले कंपनियों को कुछ औपचारिकताएं पूरी करने की जरूरत है।
नयी दिल्ली। दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा ने आज कहा कि सरकार ने आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया के विलय को मंजूरी दे दी है। लेकिन, दूरसंचार क्षेत्र के इस सबसे बड़े विलय सौदे को पूरा करने से पहले कंपनियों को कुछ औपचारिकताएं पूरी करने की जरूरत है। बीएसएनएल की देश की पहली इंटरनेट टेलीफोन सेवा की शुरूआत के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में पत्रकारों से अलग से बातचीत में सिन्हा ने कहा, ‘‘ हम आइडिया- वोडाफोन के विलय को पहले ही मंजूरी दे चुके हैं। इस विलय को पूरा करने से पहले उन्हें (कंपनियों) कुछ औपचारिकताएं हैं जिन्हें पूरा करना है। सरकार की तरफ से पहली बार इस विलय सौदे के बारे में औपचारिक तौर पर पुष्टि की गई है। दूरसंचार विभाग द्वारा नौ जुलाई को इस विलय को सशर्त मंजूरी दिए जाने के बाद कल ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन के शीर्ष प्रबंधन ने सिन्हा से मुलाकात की थी।
सिन्हा ने कहा, उन्होंने मुझसे मुलाकात की और इस प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के लिये धन्यवाद दिया। वोडाफोन के नामित मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मुख्य वित्त अधिकारी निक रीड ने सिन्हा से मुलाकात के बाद कल स्पष्ट किया था कि उन्हें सरकार से विलय की मंजूरी का पत्र मिल गया है। ‘‘पत्र पाकर हम प्रसन्न हैं। उल्लेखनीय है कि वोडाफोन और आइडिया के विलय के बाद यह देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी होगी। उद्योग जगत में इस तरह की चर्चा जोरों पर रही है कि आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन उनसे की जा रही 3,976 करोड़ रुपये की एकबारगी स्पेक्ट्रम शुल्क की मांग और 3,342 करोड़ रुपये की संयुक्त बैंक गारंटी मांग को अदालत में चुनौती दे सकते हैं। यह मांग दूरसंचार विभाग ने विलय को अंतिम मंजूरी देने से पहले पूरी करने को कहा है। बहरहाल, वोडाफोन के कार्यकारी इस बारे में सवालों के जवाब देने के लिये उपलब्ध नहीं हो सके।
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