Idea-Vodafone विलय दूरसंचार क्षेत्र की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण: सरकार
सरकार ने कहा कि आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया का विलय कुछ लंबित शर्तों का पालन करने के बाद पूरा हो जाएगा और यह दूरसंचार क्षेत्र की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण होगा।
नयी दिल्ली। सरकार ने कहा कि आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया का विलय कुछ लंबित शर्तों का पालन करने के बाद पूरा हो जाएगा और यह दूरसंचार क्षेत्र की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण होगा। दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने संवाददाताओं से कहा, हम यह विलय जल्दी से जल्दी पूरा होते देखना चाहते हैं क्योंकि हम भी चाहते हैं कि क्षेत्र में स्थिरता आये। यह क्षेत्र की स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। दूरसंचार विभाग से नौ जुलाई को सशर्त मंजूरी मिलने के बाद वोडाफोन के शीर्ष प्रबंधन ने आज दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा और दूरसंचार सचिव सुंदरराजन से मुलाकात की।
सुंदरराजन ने कहा, हमने उनसे मांग रखी है। वे (वोडाफोन के कार्यकारी) मुझसे मिले और कहा कि वे देश में महत्वपूर्ण निवेशक बने रहेंगे। इससे पहले दिन में सिन्हा ने भी विलय को सशर्त मंजूरी दिये जाने की बात कही।
सिन्हा ने कहा, ‘‘ हम आइडिया- वोडाफोन के विलय को पहले ही मंजूरी दे चुके हैं। इस विलय को पूरा करने से पहले उन्हें (कंपनियों) कुछ औपचारिकताएं हैं जिन्हें पूरा करना है। सरकार की तरफ से पहली बार इस विलय सौदे के बारे में औपचारिक तौर पर पुष्टि की गई है। दूरसंचार विभाग द्वारा नौ जुलाई को इस विलय को सशर्त मंजूरी दिए जाने के बाद कल ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन के शीर्ष प्रबंधन ने सिन्हा से मुलाकात की थी। सिन्हा ने कहा, उन्होंने मुझसे मुलाकात की और इस प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के लिये धन्यवाद दिया।
वोडाफोन के नामित मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मुख्य वित्त अधिकारी निक रीड ने सिन्हा से मुलाकात के बाद कल स्पष्ट किया था कि उन्हें सरकार से विलय की मंजूरी का पत्र मिल गया है। पत्र पाकर हम प्रसन्न हैं। उल्लेखनीय है कि वोडाफोन और आइडिया के विलय के बाद यह देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी होगी।
उद्योग जगत में इस तरह की चर्चा जोरों पर रही है कि आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन उनसे की जा रही 3,976 करोड़ रुपये की एकबारगी स्पेक्ट्रम शुल्क की मांग और 3,342 करोड़ रुपये की संयुक्त बैंक गारंटी मांग को अदालत में चुनौती दे सकती हैं। बहरहाल, वोडाफोन के कार्यकारी इस बारे में सवालों के जवाब देने के लिये उपलब्ध नहीं हो सके।
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