दालों के दाम घटे तो नीतिगत दर में कटौती संभवः रिपोर्ट
अच्छी बारिश से यदि दालों की कीमत घटती है तो रिजर्व बैंक नौ अगस्त को होने वाली मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत कटौती कर सकता है।
अच्छी बारिश से यदि दालों की कीमत घटती है तो रिजर्व बैंक नौ अगस्त को होने वाली मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत कटौती कर सकता है। यह बात बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफा-एमएल) की रपट में कही गई है। इस बार रबी मौसम में कमजोर फसल की वजह से दालों की महंगाई दर 27 प्रतिशत तक पहुंच गई है। बोफा-एमएल ने एक अनुसंधान पत्र में कहा, ‘‘अच्छी बारिश से खरीफ सत्र के दौरान पिछले साल के मुकाबले दलहन बुवाई 39 प्रतिशत अधिक हुई है। इससे दाल की कीमत 20 प्रतिशत घटनी चाहिए और खुदरा मुद्रास्फीति मार्च तक 5.1 प्रतिशत पर आ जानी चाहिए।’’
वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी के मुताबिक रिजर्व बैंक तीन वजहों- पहली- अच्छे मानसून से कृषि मुद्रास्फीति कम हो, दूसरी- जून की मुख्य खुदरा मुद्रास्फीति कम हो और आखिर में, ऊंची ब्याज दर लगातार मई की औद्योगिक वृद्धि के आड़े आए- यदि ये तीन वजह हुई तो रिजर्व बैंक नीतिगत दर में कटौती कर सकता है। रपट में कहा गया है, ‘‘यदि अच्छी बारिश से दाल की मुद्रास्फीति कम होती है, जैसी कि हमें उम्मीद है तो खुदरा मुद्रास्फीति मार्च 2017 तक रिजर्व बैंक के तय लक्ष्य पांच प्रतिशत के दायरे में बनी रह सकती है।’’ बोफा-एमएल ने मार्च की अपनी खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान पहले के 5.7 प्रतिशत से घटाकर 5.1 प्रतिशत कर दिया है। यह रिजर्व बैंक के वर्ष के लिये तय लक्ष्य के अनुरूप है। उसका मानना है कि वर्षा से दाल दलहन के दाम कम होंगे। वर्तमान में वर्षा सामान्य के मुकाबले 102 प्रतिशत पर चल रही है।
बहरहाल, विनिर्मित और महंगे खाद्य उत्पादों की वजह से जून माह में थोक मुद्रास्फीति लगातार तीसरे माह बढ़ती हुई 1.62 प्रतिशत पर पहुंच गई। थोक मुद्रास्फीति में मजबूती का रुख खुदरा मुद्रास्फीति के बढ़ने से बना है। जून में खुदरा मुद्रास्फीति पिछले 22 माह के सर्वोच्च स्तर 5.77 प्रतिशत पर पहुंच गई।
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