IMF ने विकसित देशों का वृद्धि दर अनुमान बढ़ाया, गरीब देशों का घटाया, जानिए इसकी असल वजह
मुद्राकोष ने मंगलवार को जारी विश्व आर्थिक परिदृश्य में कहा कि कुल मिलाकर वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर इस साल छह प्रतिशत रहेगी। वर्ष 2020 में 3.2 प्रतिशत की गिरावट के बाद यह उल्लेखनीय सुधार है।
वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने दुनिया के धनाढ़्य और विकसित देशों खासकर अमेरिका के लिये आर्थिक परिदृश्य को बेहतर किया है। इसका कारण यह है कि इन देशों को तेजी से कोविड-19 टीकाकरण से महामारी के कारण उत्पन्न आर्थिक नरमी से बाहर निकलने और पुनरुद्धार को जारी रखने में मदद मिली है। हालांकि, 190 सदस्यों वाले आईएमएफ ने गरीब देशों के लिये आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाया है। इनमें से ज्यादातर देश टीके को लेकर परेशानियों का सामना कर रहे हैं। मुद्राकोष ने मंगलवार को जारी विश्व आर्थिक परिदृश्य में कहा कि कुल मिलाकर वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर इस साल छह प्रतिशत रहेगी। वर्ष 2020 में 3.2 प्रतिशत की गिरावट के बाद यह उल्लेखनीय सुधार है। वैश्विक निकाय का यह अनुमान अप्रैल में जारी अनुमान के समान है। अगर वृद्धि दर यही रही, तो यह तो 1980 के बाद से किसी एक साल में सर्वाधिक तीव्र वृद्धि होगी।
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रिपोर्ट के अनुसार हालांकि टीके की उपलब्धता और टीके की अनुपलब्धता वाले देशों में में अंतर बढ़ रहा है। आईएमएफ के अनुसार, उपभोक्ता और कंपनियों के स्तर पर तीव्र गति से पुनरुद्धार से विकसित देशों की वृद्धि दर इस साल 5.6 प्रतिशत रहेगी जो अप्रैल में जताये गये 5.1 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है। दूसरी तरफ मुद्राकोष ने उभरते और विकासशील देशों के लिये आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है जो अप्रैल में 6.7 प्रतिशत था। विकसित देशों में लगभग 40 प्रतिशत आबादी को पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है। ये देश कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये पिछले साल के ‘लॉकडाउन’ के बाद अब अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को व्यापक स्तर पर खोल रहे हैं। लेकिन विकासशील और उभरते बाजार वाली अर्थव्यवस्थाओं में 11 प्रतिशत आबादी को ही टीका लगाया जा सका है। पुन: गरीब देशों की सरकारें उस स्तर पर खर्च नहीं कर सकती जितना कि धनी देश अपनी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये कर सकते हैं।
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रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका की वृद्धि दर इस साल 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसमें 3.5 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। अप्रैल में आईएमएफ ने अमेरिका की वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था। यूरो मुद्रा साझा करने वाले 19 यूरोपीय देशों की वृद्धि दर 2021 में संयुक्त रूप से 4.6 प्रतिशत रहेगी जबकि पिछले साल 6.5 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। जापान की वृद्धि दर इस साल 2.8 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी जबकि पिछले साल 4.7 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। हालांकि, जापान की वृद्धि दर का अनुमान अप्रैल के अनुमान से कम है। इसका कारण वहां कोविड महामारी का फिर से बढ़ना है। विकासशील देशों में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 8.1 प्रतिशत किया गया है। इसका कारण सरकार द्वारा निवेश और खर्च में कमी लाना है। प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के लिए बेहतर परिदृश्य के बावजूद कोरोना वायरस के डेल्टा किस्म और टीकाकरण के मामले में असमान प्रगति से अनिश्चितता के बादल छाये हुए हैं। आईएमएफ की प्रमुख अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि पुनरुद्धार तबतक सुनिश्चित नहीं होगा, जबतक हम वैश्विक स्तर पर महामारी को समाप्त नहीं कर देते।
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