RBI में कर्जदारों की ‘साख की सार्वजनिक पंजिका’ बनाना शुरू, डिजिटल होगी जानकारी

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[email protected] । Nov 4 2018 2:42PM

आरबीआई ने सार्वजनिक साख पंजिका के विकास का काम का ठेका देने के लिए इच्छुक कंपनियों से रूचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किया है। पिछले तीन साल से सालाना 100 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करने वाली फर्में इसके लिए आवेदन कर सकती हैं।

नयी दिल्ली। रिजर्व बैंक ने देश में ऋण लेने वाले सभी व्यक्तियों और इकाइयों का ब्योरा एक जगह उपलब्ध कराने के लिए डिजिटल सार्वजनिक साख पंजिका (पीसीआर) स्थापित करने का कदम उठाया है। इसमें जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों के नाम और कर्ज चुकाने में अनियमितताओं से संबंधित लंबित कानूनी मामलों की भी जानकारी रखी जाएगी। इस कदम का मकसद वित्तीय बाजार में कर्ज की धांधली रोकना है।

पीसीआर में बाजार नियामक सेबी, कारपोरेट कार्य मंत्रालय, माल एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) तथा दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) जैसी इकाइयों से प्राप्त सूचनाएं भी शामिल की जाएंगी ताकि बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों को मौजूदा तथा संभावित कर्जदारों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त हो सके।

आरबीआई ने सार्वजनिक साख पंजिका के विकास का काम का ठेका देने के लिए इच्छुक कंपनियों से रूचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किया है। पिछले तीन साल से सालाना 100 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करने वाली फर्में इसके लिए आवेदन कर सकती हैं। 

केंद्रीय बैंक ने सूचना में कमी को पूरा करने, कर्ज तक पहुंच को बेहतर बनाने तथा अर्थव्यवस्था में कर्ज लेने की संस्कृति को मजबूत करने के इरादे से पिछले साल जून में पीसीआर के गठन की घोषणा की थी। इससे पहले, रिजर्व बैंक ने साख के बारे में उपलब्ध मौजूदा सूचना, वर्तमान में काम कर ही साख सूचना इकाइयों के पर्याप्त या अपर्याप्त होने तथा उनमें कमी का पता लगाने के लिये उच्च स्तरीय कार्यबल का गठन किया था। 

ईओआई दस्तावेज में कहा, ‘‘...पीसीआर एक डिजिटल पंजीयक होगा जिसमें साख संबंधी सूचना होगी और यह विभिन्न संबंधित पक्षों को सूचना उपलब्ध कराने को लेकर वित्तीय सूचना बुनियादी ढांचे के रूप में काम करेगा तथा माजूदा ऋण सूचना व्यवस्था को समृद्ध करेगा।’’ पीसीआर प्रत्येक कर्ज के बारे में सूचना दर्ज कराने का एकल केंद्र के रूप में काम करेगा , भले ही कर्ज कितनी भी राशि का क्यों न हो।

फिलहाल इस तरह कह कई व्यवस्था काम कर रही हैं। अरबीआई के अंदर सीआरआईएलसी है। यह कर्ज को लेकर आंकड़े एकत्रित करता है लेकिन यह पांच करोड़ रुपये से ऊपर के के कर्जों के लिए है। साथ ही चार निजी क्षेत्र की साख सूचना कंपनियां काम कर रही हैं। आरबीआई ने अपने नियमन के दायरे में आने वाली सभी इकाइयों को सभी चार सीआईसी को व्यक्तिगत रूप से कर्ज के बारे में सूचना देने को कहा है।

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