खुशखबरी- दो साल में करदाताओं को 24 घंटे में मिलने लगेगा कर रिफंड
राजस्व सचिव अजय भूषण पाण्डे ने कहा कि मौजूदा समय में रिफंड का काम स्वचालित तरीके से ऑनलाइन होता है। इस वर्ष में 1.50 लाख करोड़ रुपये का रिफंड सीधे बैंक खातों में भेजा गया है।
नयी दिल्ली। करदाताओं को 24 घंटे के भीतर रिफंड देने के लिए राजस्व विभाग दो साल के भीतर एक तंत्र बनाएगा। तंत्र यह सुनिश्चित करेगा कि सभी रिटर्नों की जांच-पड़ताल 24 घंटे के भीतर हो जाये और साथ ही साथ रिफंड भी जारी हो जाये। एक शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही। सरकार ने पिछले महीने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सूचना प्रौद्योगिकी ढांचे को उन्नत बनाने के लिए 4,200 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। इससे रिटर्न, रिफंड, कर अधिकारी एवं करदाताओं का आमना- सामना नहीं होने और सत्यापन प्रक्रिया में तेजी लाने में मदद मिलेगी।
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राजस्व सचिव अजय भूषण पाण्डे ने कहा कि मौजूदा समय में रिफंड का काम स्वचालित तरीके से ऑनलाइन होता है। इस वर्ष में 1.50 लाख करोड़ रुपये का रिफंड सीधे बैंक खातों में भेजा गया है। अब रिफंड प्रणाली को ज्यादा उन्नत बनाया जा रहा है ताकि 24 घंटे के भीतर लोगों को रिफंड मिल सके।
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इस प्रक्रिया में लगने वाले समय के बारे में पूछने पर राजस्व सचिव ने कहा, "हम इसे जल्द से जल्द लागू करने की कोशिश करेंगे। इसमें दो साल लगेंगे। इस दौरान कर अधिकारी एवं करदाताओं के आमने-सामने नहीं आने (चेहरा विहीन आकलन) की प्रक्रिया को भी पूरा किया जाएगा।" वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अंतरिम बजट 2019-20 पेश करने के दौरान कहा था कि आयकर विभाग ऑनलाइन काम कर रहा है और रिफंड, रिटर्न, आकलन और लोगों की शिकायतें ऑनलाइन दूर की जा रही हैं।
Income tax refund no longer takes years. With digitisation and active governance, income tax returns are getting easier to file. For 2017-18, around 90% refunds were issued within 60 days. #MiddleClassWithModi pic.twitter.com/VAGkcOn372
— BJP (@BJP4India) February 5, 2019
गोयल ने कहा, "पिछले साल कुल आयकर रिटर्न में 99.54 प्रतिशत रिटर्न को स्वीकृति दी गई थी। हमारी सरकार ने आयकर विभाग को और अधिक लोगों के अनूकूल बनाने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित परियोजना को मंजूरी दी है। सभी रिटर्नों की जांच-पड़ताल 24 घंटे में होगी और साथ ही साथ रिफंड भी जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले दो साल में रिटर्न के सत्यापन और आकलन का लगभग पूरा काम इलेक्ट्रॉनिक रूप से होने लगेगा।
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