दो साल में 22,475 करोड़ की अघोषित संपत्ति पता चली

[email protected] । Jul 22 2016 3:02PM

केंद्र सरकार ने आज कहा कि विदेशों में जमा कालेधन का कोई सरकारी मूल्यांकन नहीं है और इस संबंध में अन्य संस्थाओं के अनुमानों की व्याख्याओं में विश्वसनीयता की कमी है।

केंद्र सरकार ने आज कहा कि विदेशों में जमा कालेधन का कोई सरकारी मूल्यांकन नहीं है और इस संबंध में अन्य संस्थाओं के अनुमानों की व्याख्याओं में विश्वसनीयता की कमी है। सरकार ने यह भी बताया कि बीते दो वित्त वर्ष में सर्वेक्षणों में 22,475 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में ब्रजभूषण शरण सिंह और मोहम्मद बदरद्दोजा खान के प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि विदेशों में जमा कालेधन का कोई सरकारी मूल्यांकन नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘इससे पहले कई गैर सरकारी संगठनों और अर्थशास्त्रियों ने देश से बाहर धन के गैरकानूनी तरीके से प्रवाह के बारे में व्यापक अनुमान लगाये हैं। ये अनुमान तथ्यों, अनुमानों, पूर्वानुमानों के विभिन्न समुच्चयों पर आधारित प्रतीत होते हैं जिससे व्यापक और कई तरह की व्याख्याएं की जा सकती हैं जिनमें एकमतता और विश्वसनीयता का अभाव है।’’ जेटली ने बताया कि प्रवर्तनकारी उपायों के रूप में आयकर विभाग ने पिछले दो सालों (वित्तीय वर्ष 2014-15 और 2015-16) के दौरान 990 समूहों की तलाशी ली और 1474 करोड़ रुपये की अघोषित संपत्ति जब्त की है। इन समूहों ने 21354 करोड़ रुपये की अघोषित आय कबूल की है। इसी अवधि के दौरान 9457 सर्वेक्षण कराये गये जिनके परिणामस्वरूप 22,475 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है।

वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि इन मामलों में पिछले दो वर्ष में आपराधिक अभियोजन के मामले भी बढ़े हैं। 2014-15 तथा 2015-16 में दायर मुकदमों की संख्या 3140 थी जबकि 2012-13 और 2013-14 में यह संख्या 1690 थी। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने देश के भीतर और बाहर अघोषित आय के अनुमान का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान (एनआईपीएफपी), राष्ट्रीय प्रायोगिक अर्थव्यवस्था अनुसंधान परिषद (एनसीएईआर) और राष्ट्रीय वित्त प्रबंधन संस्थान (एनआईएफएम) द्वारा अध्ययन कराया है। इन संस्थानों से प्राप्त रिपोर्टों की सरकार जांच-पड़ताल करा रही है और अगले कुछ हफ्तों में इसके पूरे होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि किये गये अनेक उपायों से सरकार कालेधन के खतरों को रोकने में बेहतर तरीके से सक्षम हुई है। जेटली के उत्तर के अनुसार, ‘‘एक जून 2016 से ‘आय घोषणा योजना’ लागू की गयी है। यह योजना उन लोगों को अवसर प्रदान करती है जिन्होंने बीते वर्षों में अपने पूरे कर का भुगतान नहीं किया है, वे स्वयं आगे आकर अघोषित आय की घोषणा करके करों का भुगतान कर सकते हैं। घोषणा 30 सितंबर 2016 तक की जा सकती है।’’

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