भारत में सात वर्षों में शराब की खपत 38 प्रतिशत तक बढ़ी: लांसेट अध्ययन
वर्ष 2030 तक शराब पीने वालों की अनुमानित संख्या बताती है कि शराब के इस्तेमाल के खिलाफ लक्ष्य हासिल करने के लिए विश्व सही दिशा में नहीं बढ़ रहा है।
बर्लिन। भारत में वर्ष 2010 से 2017 के बीच शराब की खपत में सालाना 38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ ही, वर्ष 1990 के बाद से विश्व स्तर पर शराब के उपभोग की कुल मात्रा में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई। बुधवार को प्रकाशित एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। ‘द लांसेट’ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में 1990-2017 के बीच 189 देशों में शराब के उपभोग का अध्ययन किया गया। वर्ष 2030 तक शराब पीने वालों की अनुमानित संख्या बताती है कि शराब के इस्तेमाल के खिलाफ लक्ष्य हासिल करने के लिए विश्व सही दिशा में नहीं बढ़ रहा है।
NEW study: Targets to reduce harmful alcohol use are likely to be missed as global alcohol intake increases; peer-reviewed modelling study of alcohol exposure in 189 countries between 1990 and 2017 and forecasts until 2030 https://t.co/o6rrEv7b3X pic.twitter.com/5iuYdJtwLL
— The Lancet (@TheLancet) May 7, 2019
जर्मनी में टीयू ड्रेसडेन के शोधार्थियों ने बताया कि 2010 और 2017 के बीच, भारत में शराब की खपत 38 फीसदी तक बढ़ी और यह मात्रा प्रति वर्ष 4.3 से 5.9 लीटर प्रति वयस्क (व्यक्ति) रही है। उन्होंने बताया कि इसी अवधि में, अमेरिका में शराब की खपत (9.3 से 9.8 लीटर) और चीन में (7.1 से 7.4 लीटर) के साथ थोड़ी वृद्धि दर्ज की गई।
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अध्ययन के मुताबिक वर्ष 1990 के बाद से विश्व स्तर पर शराब के उपभोग की कुल मात्रा में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। शराब की बढ़ी खपत और जनसंख्या वृद्धि के परिणामस्वरूप, विश्व स्तर पर प्रतिवर्ष उपभोग की गई शराब की कुल मात्रा में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह वर्ष 1990 में 2099.9 करोड़ लीटर से बढ़कर वर्ष 2017 में 3567.6 करोड़ लीटर हो गई।
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