क्रिप्टोकरेंसी पर परामर्श पत्र को अंतिम रूप दे रहा है भारत, जल्द किया जाएगा पेश : सचिव

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उन्होंने कहा कि वर्चुअल दुनिया में इन डिजिटल मुद्राओं का परिचालन होने से जरूरी है कि इन मुद्दों से निपटने में वैश्विक प्रयास हों। भारत ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सजग रुख अपनाया हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक कई मौकों पर क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपनी असहजता जाहिर कर चुका है।

नयी दिल्ली| आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) के सचिव अजय सेठ ने सोमवार को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के बारे में विभिन्न पक्षों की राय के आधार पर एक परामर्श पत्र को अंतिम रूप दिया जा रहा है और जल्द ही इसे पेश किया जाएगा।

वित्त मंत्रालय की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम से इतर सेठ ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के मुद्दे पर घरेलू एवं अन्य भागीदारों के साथ व्यापक चर्चा की गई है और उसी के आधार पर इस परामर्श पत्र को तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी की वजह से पैदा होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर कदम उठाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि वर्चुअल दुनिया में इन डिजिटल मुद्राओं का परिचालन होने से जरूरी है कि इन मुद्दों से निपटने में वैश्विक प्रयास हों। भारत ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सजग रुख अपनाया हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक कई मौकों पर क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपनी असहजता जाहिर कर चुका है।

उसका कहना है कि वृहद-आर्थिक स्थिरता के लिए क्रिप्टोकरेंसी एक खतरे की तरह है। सेठ ने क्रिप्टोकरेंसी पर रुख साफ करने के लिए लाए जा रहे परामर्श पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि यह काफी हद तक तैयार हो चुका है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस बारे में न सिर्फ घरेलू संस्थागत हितधारकों बल्कि विश्व बैंक एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष जैसे वैश्विक संगठनों से भी सलाह-मशविरा किया है। उम्मीद है कि हम जल्द ही अपने परामर्श पत्र को अंतिम रूप देने की स्थिति में होंगे।’’

इसी के साथ उन्होंने कहा कि भारत ने एक तरह के वैश्विक नियमन पर काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘जिन देशों ने क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाई है, वे इसपर वैश्विक सहमति नहीं बनने तक कामयाब नहीं हो सकते हैं। भागीदारी का एक व्यापक ढांचा होना चाहिए।... हमें क्रिप्टो नियमन पर एक वैश्विक सहमति की जरूरत है।’’

अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर सेठ ने कहा कि चुनौतीपूर्ण परिवेश के बावजूद भारत दुनियाभर में सबसे तेजी से बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम मौजूदा के अलावा आने वाले समय में भी पैदा होने वाली चुनौतियों का बखूबी सामना कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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