तेल खरीद में मोलभाव के लिए चीन-जापान से हाथ मिलाना चाहता है भारत: प्रधान
भारत एशिया के प्रमुख तेल खरीदारों चीन, दक्षिण कोरिया व जापान के साथ बड़ी भागीदारी करना चाहता है ताकि विक्रेता देशों से मोल भाव किया जा सके।
नयी दिल्ली। भारत एशिया के प्रमुख तेल खरीदारों चीन, दक्षिण कोरिया व जापान के साथ बड़ी भागीदारी करना चाहता है ताकि विक्रेता देशों से मोल भाव किया जा सके। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यहां एक कार्यक्रम के अवसर पर संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत चीन, जापान व दक्षिण कोरिया के साथ नेटवर्क बनाने की कोशिश करेगा ताकि एशियाई ग्राहकों से प्रीमियम की वसूली जैसे मुद्दों को उठाया जा सके।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 2005 में तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री मणिशंकर अय्यर ने भी तेल उपभोक्ता देशों के साथ गठजोड़ का प्रस्ताव किया था। प्रधान ने कहा, ‘मुझे एशिया की चार बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच बड़े सहयोगी की गुंजाइश नजर आती है जिसमें भारत, चीन, जापान व दक्षिण कोरिया हैं। भारत इन चारों अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक नेटवर्क बनाने की कोशिश करेगा।’
उल्लेखनीय है कि चीन व अमेरिका के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। जापान इस मामले में चौथे जबकि दक्षिण कोरिया पांचवें स्थान पर आता है। ये चारों देश दुनिया के कुल तेल आयात में एक तिहाई से अधिक की हिस्सेदारी रखते हैं। प्रधान ने सवाल किया, ‘सबसे बड़े ग्राहकों को ज्यादा भुगतान क्यों करना चाहिए। ये देश एशियन प्रीमियम के नाम पर अधिक भुगतान क्यों करें?’
मंत्री ने कहा कि एशिया की सभी चारों प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को साथ आना चाहिए। भारत इसके लिए इन चार देशों के बीच नेटवर्क बनाने की कोशिश करेगा। इसी महीने भारत व चीन ने सहमति जताई थी कि वे तेल उत्पादों की गुटबंदी के खिलाफ मिलकर मोलभाव करेंगे।
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