Oil Market का बादशाह बना भारत, सस्ता रूसी तेल खरीद यूरोप और अमेरिका को बेच रहा
भारत अधिक से अधिक सस्ते रूसी तेल खरीदकर वैश्विक तेल बाजारों में तेजी से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।डेटा इंटेलिजेंश फर्म कैप्लर के मुताबिक भारत ने पिछले महीने न्यूयॉर्क में लगभग 89000 बैरल प्रति दिन गैसोलिन और डीजल का निर्यात किया जो चार सालों में सबसे अधिक है।
ग्लोबल ऑयल मार्केट में भारत का रुतबा बढ़ता जा रहा है। पश्चिमी देशों ने खूब कोशिश की कि भारत रूस से तेल न खरीदे। लेकिन भारत ने सिर्फ वही किया जो उसके हित में था। जिसका सीधा फायदा देश को मिल रहा है। भारत सस्ता रूसी तेल खरीदकर इसे आगे यूरोप और अमेरिका को बेच रहा है। यूरोपीय संघ के नए प्रतिबंधों के रविवार से प्रभावी होने के बाद भारत का महत्व और भी ज्यादा बढञ जाने की उम्मीद है। रूस यूक्रेन युद्ध शुरू होने के साथ ही ऑयल मार्केट में बड़ा बदलाव देखा गया है। यूरोप ने रूस पर प्रतिबंधों को और बढ़ा दिया है। ऐसे में भारत ग्लोबल ऑयल मार्केट में सेंटर बनता जा रहा है।
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अमेरिका-यूरोप को निर्यात किया इतना तेल
भारत अधिक से अधिक सस्ते रूसी तेल खरीदकर वैश्विक तेल बाजारों में तेजी से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।डेटा इंटेलिजेंश फर्म कैप्लर के मुताबिक भारत ने पिछले महीने न्यूयॉर्क में लगभग 89000 बैरल प्रति दिन गैसोलिन और डीजल का निर्यात किया जो चार सालों में सबसे अधिक है। यूरोप में कम सल्फर वाले डीजल का निर्यात जनवरी में 1 लाख 72 हजार बैरल था जो अब अक्टूबर 2021 के बाद सबसे अधिक है।
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बड़ा मार्जिन कमाने का अवसर
वाशिंगटन थिंक टैंक सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के एक वरिष्ठ साथी बेन काहिल ने कहा, "अमेरिकी ट्रेजरी अधिकारियों के दो मुख्य लक्ष्य हैं: बाजार को अच्छी तरह से आपूर्ति करना और रूस को तेल राजस्व से वंचित करना। वे जानते हैं कि भारत और चीन सस्ता रूसी क्रूड ऑयल खरीदकर और बाजार की कीमतों पर उत्पादों का निर्यात करके बड़ा मार्जिन कमा सकते हैं। हालांकि, उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं है।
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