भारत-रूस आर्थिक भागीदारी को प्रगाढ़ बनाने की दिशा में कर रहे है काम: नीति आयोग उपाध्यक्ष

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नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बुधवार को कहा कि भारत और रूस अपने रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिये काम कर रहे हैं और कृषि तथा कृषि-प्रसंस्करण क्षेत्र में काम करने की काफी गुंजाइश है। दूसरी भारत-रूस रणनीतिक आर्थिक वार्ता (आईआरएसईडी) को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि भारत मजबूत आर्थिक सहयोग और विचारों के आदान-प्रदान के साथ गुणात्मक रूप से रूस के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने पर गौर कर रहा है।

नयी दिल्ली। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बुधवार को कहा कि भारत और रूस अपने रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिये काम कर रहे हैं और कृषि तथा कृषि-प्रसंस्करण क्षेत्र में काम करने की काफी गुंजाइश है। दूसरी भारत-रूस रणनीतिक आर्थिक वार्ता (आईआरएसईडी) को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि भारत मजबूत आर्थिक सहयोग और विचारों के आदान-प्रदान के साथ गुणात्मक रूप से रूस के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने पर गौर कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत और रूस अपने रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में काम कर रहे हैं। आईआरएसईडी वार्ता में सहयोग के छह प्रमुख क्षेत्रों पर गौर किया जा रहा है।

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ये प्रमुख छह क्षेत्र हैं कृषि और कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र का विकास, परिवहन ढांचागत सुविधा और प्रौद्योगिकी का विकास, लघु एवं मझोले कारोबार करने वालों को समर्थन, डिजिटल रूपांतरण और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी, व्यापार, बैंकिंग, वित्त और उद्योग में सहयोग तथा पर्यटन एवं संपर्क। इन क्षेत्रों में 2018 में हुई पहली बैठक के बाद से किये गये कार्यों से सहयोग बढ़ा है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में काफी कुछ किया जा सकता है भारत कृषि अर्थव्यवस्था वाला बड़ा देश है और कृषि क्षेत्र में रूस की कई जरूरतों को पूरा कर सकता है। उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी तरफ रूसी कंपनियां भारतीय किसानों को कृषि उत्पादों के मूल्य वर्द्धन में मदद कर सकते हैं। कुमार ने कहा कि यह दोनों तरीकों से लाभकारी है।

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उन्होंने यह भी कहा कि अबतक भारत का एमएसएमई वैश्विक उत्पादन श्रृंखला से जुड़ा नहीं है, इसीलिए रूसी कंपनियों के लिये भारत के एमएसएमई क्षेत्र के साथ भागीदारी के बड़ा अवसर है। रूस के आर्थिक विकास मामलों के उप-मंत्री तिमुर माकसीमोव ने कहा कि दूसरी बातचीत में विभिन्न मुद्दों पर बातचीत हुई। उन्होंने दोनों देशों के बीच विशेष संबंधों को रेखांकित करते हुए माकसीमोव ने कहा कि भारत दुनिया में तीव्र गति से आर्थिक वृद्धि वाला देश है और भारत की उच्च वृद्धि का उपयोग वैश्विक आर्थिक वृद्धि तथा भारत-रूस भागीदारी के लिये किया जा सकता है। राष्ट्रीय उप-सुरक्षा सलाहकार पंकज सरन ने कहा कि भारत और रूस के नेतृत्व के बीच निरंतर बैठकों से सकारात्मक राजनीतिक संबंध बना है। इसे अब सार्थक आर्थिक संबंधों में बदलने का समय है। भारत और रूस ने 2025 तक 30 अरब डालर के द्विपक्षीय कारोबार का लक्ष्य रखा है। दोनों देशों के बीच पहला रण्नीति आर्थिक वार्ता सेंट पीटर्सबर्ग में 25-26 नवंबर 2018 को हुई थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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