2030 तक दुनिया की तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा भारत: राजनाथ
रक्षा मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी विश्वास व्यक्त किया है कि मंदी से पूरी दुनिया जूझ रही है मगर भारत इससे जल्द ही उबर जाएगा। इसका मतलब यह है कि भारत पांच हजार अरब डॉलर के लक्ष्य को हासिल कर लेगा। इसमें कोई दो राय नहीं हैं।
लखनऊ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वर्ष 2030 तक भारत के दुनिया की तीन सबसे बड़ीअर्थव्यवस्थाओं में शामिल होने का विश्वास व्यक्त करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में उत्तर प्रदेश का अहम योगदान होगा। सिंह ने ‘डिफेंस एक्सपो-2020’ में ‘उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर’ विषयक सेमिनार को सम्बोधित करते हुए कहा ‘’वर्ष 2030 आते-आते भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा। इसमें उत्तर प्रदेश का प्रमुख योगदान होगा।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2024 तक भारत को 5,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया है। ‘‘कुछ अर्थशास्त्री इस पर चिंता जताते हुए कहते हैं कि दुनिया में मंदी है, ऐसे में भारत इस लक्ष्य को कैसे हासिल करेगा। मगर इसके बावजूद सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था भारत की ही है। कुछ तिमाहियों के लिये कुछ कमी हो जाती है तो मैं समझता हूं कि वह कोई बहुत बड़ी चिंता का विषय नहीं है।’’
Visited some of the pavilions at @DefExpoIndia today. These pavilions showcase advanced defence products & technologies developed by Indian and foreign companies.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) February 6, 2020
We are committed to enhancing our defence production through the combination of @makeinindia and the Offset policy. pic.twitter.com/QKCGSxZNjD
रक्षा मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी विश्वास व्यक्त किया है कि मंदी से पूरी दुनिया जूझ रही है मगर भारत इससे जल्द ही उबर जाएगा। इसका मतलब यह है कि भारत पांच हजार अरब डॉलर के लक्ष्य को हासिल कर लेगा। इसमें कोई दो राय नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। यहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उत्साह और दूरदर्शिता को देखकर लगता है कि 5,000 अरब डालर के लक्ष्य को पूरा करने में उत्तर प्रदेश का बहुत बड़ा योगदान होगा। सिंह ने निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश करने का न्यौता देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में वायु, रेल और सड़क कनेक्टिवटी को लेकर कोई संकट नहीं रह गया है। प्रदेश में एक खिड़की प्रणाली लागू कर दी गई है। अब कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिये बहुत बड़ी योजना की जरूरत नहीं होती। बस नेतृत्व में उत्साह होने की जरूरत है। निवेशकों को अगर निवेश में कहीं कोई समस्या होती है तो यहां के नेतृत्व से आप सीधे मिलकर अपनी बात रख सकते हैं।
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सिंह ने कहा कि निवेशकों के लिये रक्षा मंत्रालय के दरवाजे भी खोले गये हैं। कोई उद्योगपति आना चाहे तो आये। हमें हर हाल में 5,000 अरब डालर का लक्ष्य पूरा करना है। हम आप लोगों को कोई तकलीफ नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर कहा कि उत्तर प्रदेश एक सम्भावनाओं वाला प्रदेश है। राष्ट्रीय राजधानी के साथ प्रदेश एक्सप्रेस-वे और राजमार्ग के जरिये सीधा जुड़ा हुआ है। देश में बन रहे पूर्व- पश्चिम माल गलियारा भी उत्तर प्रदेश से होकर जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि रक्षा और वैमानिकी क्षेत्र को लेकर हमारी नीति पहले ही लागू हो चुकी है। ‘‘हमारे पास बहुत बड़ा भूमि बैंक भी मौजूद है। फरवरी 2018 में लखनऊ में हुआ निवेशक सम्मेलन अपने आप में एक सपना था। दो वर्ष के दौरान उत्तर प्रदेश में ढाई लाख करोड़ से अधिक का निवेश हुआ है। किसी व्यक्ति या संस्थान को अगर खुद को साबित करना है तो उसके लिये उत्तर प्रदेश ही सबसे अच्छा गंतव्य है। कार्यक्रम को उद्योग मंत्री सतीश महाना ने भी सम्बोधित किया।
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