भारतीय अर्थव्यवस्था गहरे संकट में, इस साल 5 फीसदी तक गिरावट का अनुमान: S&P

S&P

वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है।एसएंडपी की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है। वायरस की रोकथाम में आ रही दिक्कतों,कमजोर नीतिगत प्रक्रिया और अन्य कमजोरियों विशेषरूप से वित्तीय क्षेत्र की दिक्कतों की वजह से चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में पांच प्रतिशत की गिरावट आएगी।

नयी दिल्ली। वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में पांच प्रति गिरावट आने का अनुमान है। इस स्थिति को देखते हुये भारतीय अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है। एसएंडपी की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है। वायरस की रोकथाम में आ रही दिक्कतों,कमजोर नीतिगत प्रक्रिया और अन्य कमजोरियों विशेषरूप से वित्तीय क्षेत्र की दिक्कतों की वजह से चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में पांच प्रतिशत की गिरावट आएगी। हालांकि, अगले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधरेगी।’’ एसएंडपी की ‘संतुलन खाते में मंदी से एशिया-प्रशांत का नुकसान 3,000 अरब डॉलर के पास’शीर्षक की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में 1.3 प्रतिशत की गिरावट आएगी। हालांकि, 2021 में क्षेत्र की अर्थव्यवस्था 6.9 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।इसका मतबल है कि इन दो साल में क्षेत्र को करीब 3,000 अरब डॉलर के उत्पादन का नुकसान होगा। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री शॉन रोशे ने कहा, ‘‘एशिया-प्रशांत ने कोविड-19 पर अंकुश में कुछ सफलता हासिल की है। क्षेत्र ने प्रभावी वृहद आर्थिक नीतियों के जरिये प्रतिक्रिया दी है।’’ उन्होंने कहा कि इससे झटके से कुछ बचाव हो सकता है। और साथ ही सुधार का रास्ता तैयार हो सकता है। हालांकि,संतुलना खातों पर दबाव की वजह से अर्थव्यवस्था के सुधार पर दबाव रहेगा।

इसे भी पढ़ें: अब 'रंग' को कहिए Lovely और 'फेयर' को किजिए Bye! जानिए HUL ने क्यों किया नाम में बदलाव

एसएंडपी ने कहा कि एक और जोखिम जो सामने दिख रहा है वह ‘संतुलन खाते की मंदी है। इसमें अर्थव्यवस्था का कम से कम एक क्षेत्र... सरकार, कंपनियां या परिवार...अपनी कमजोर वित्तीय स्थिति को बचत के जरिये मजबूत करने का प्रयास करेगा, कर्ज का भुगतान करेगा और खर्च कम करेगा। रोशे ने कहा कि कोविड-19 की वजह से आई गिरावट खाते में मंदी से शुरू नहीं हुई थी, लेकिन संभवत: यह इसके साथ समाप्त होगी। ‘‘इसका मतलब है कि निवेश कम होगा, पुनरोद्धार की रफ्तार सुस्त रहेगी और अर्थव्यवस्था को एक स्थायी चोट पहुंचेगी। यह महामारी की दवा मिलने के बाद भी बनी रहेगी।’’ रेटिंग एजेंसी ने कहा कि इस महामारी की वजह से गतिविधियां अचानक रुक गईं। इसमें गिरावट को थामने के लिए नीति निर्माताओं ने बैंकों के जरिये कंपनियों और परिवारों को असाधारण वित्तीय समर्थन दिया। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने 2020 और 2021 के लिए चीन की अर्थव्यवस्था में क्रमश: 1.2 प्रतिशत और 7.4 प्रतिशत वृद्धि दर के अनुमान को कायम रखा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़