भारतीय रेलवे ने ''मिशन रफ्तार'' के लिए कमर कसी
उच्चगति रेल तकनीक पर प्रशिक्षण हासिल करने के लिए रेलवे अपने 500 रेलकर्मियों को चीन और जापान भेजेगा। रेलवे 160 किमी से 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने की तैयारी कर रहा है।
उच्चगति रेल तकनीक पर प्रशिक्षण हासिल करने के लिए रेलवे अपने 500 रेलकर्मियों को चीन और जापान भेजेगा। देश के चुनिंदा गलियारे में रेलवे 160 किमी से 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने की तैयारी कर रहा है। दिल्ली हावड़ा और दिल्ली-मुंबई के बीच यात्रा में लगने वाले समय की बचत के लिए रेलवे ने 160 किमी से ज्यादा गति से ट्रेनों को चलाने की योजना बनाई है। रेलवे ने फ्रेंच कंपनी एसएनसीएफ से दिल्ली-चंडीगढ़ मार्ग पर 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने की संभावनाओं को तलाश करने को कहा है।
मिशन रफ्तार में शामिल रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘यहां सेवा शुरू होने से पहले हमारे अधिकारियों को उच्चगति रेल तकनीक पर प्रशिक्षण देने की जरूरत है।’’ रेलवे ने मिशन रफ्तार प्रोग्राम की शुरुआत व्यस्त मार्गों पर शहरों के बीच यात्रा समय को कम करने के लिए शुरू किया है। अधिकारी ने बताया कि रेलवे के तहत आने वाले विभिन्न विभागों के 550 अधिकारियों को चीन और जापान में प्रशिक्षण दिया जाएगा इसमें ट्रैफिक और इलेक्ट्रिकल विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं।
रेलवे अधिकारियों के पहले बैच को उच्चगति रेल तकनीक पर चीन के चेंगदू में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जापान में 20 अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है और 38 अन्य प्रशिक्षण प्रोग्राम से गुजर रहे हैं। चीन में प्रशिक्षण प्रोग्राम दो सप्ताह का है और जापान में यह 20 दिन का है। अधिकारी ने बताया कि प्रशिक्षण मॉड्यूल के तहत अधिकारियों को उच्च गति वाली ट्रेन सेवा के कामकाज और उसके रखरखाव का प्रशिक्षण दिया जाएगा। रेलवे दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता मार्ग पर 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने को सुनिश्चित करने और ट्रैक की मजबूती, सिग्नल प्रणाली को उन्नत करने और मार्ग के आसपास संवदेनशील क्षेत्रों की बाड़ेबंदी करने की तैयारी कर रहा है।
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